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आखिर क्यों मथुरा में बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर का हो रहा विरोध, जानें वजह

Last Updated- January 18, 2023 | 8:32 PM IST
Banke Bihari Mandir
Creative Commons license

सरकार का दावा है कि प्रस्तावित कॉरिडोर के निर्माण से न केवल मथुरा-वृंदावन में श्रद्धालुओं की आमद बढ़ेगी बल्कि मंदिर की भव्यता के साथ ही साथ स्थानीय लोगों का व्यापार भी बढ़ेगा। हालांकि बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर का निर्माण शुरू होने से पहले ही स्थानीय स्तर पर इसका जमकर विरोध होने लगा है।

मथुरा-वृंदावन के निवासियों का कहना है कि कॉरिडोर के निर्माण के चलते न केवल इस स्थान का पौराणिक महत्त्व खत्म होगा बल्कि बड़ी तादाद में लोगों का विस्थापन होगा। कॉरिडोर के निर्माण का विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि बांके बिहारी मंदिर के इर्द-गिर्द जिन गलियों को खत्म किया जाएगा उन्हें कुंज गली के नाम से जाना जाता है, जिसका धार्मिक महत्व है।

बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर के लिए 5 एकड़ जमीन का होगा अधिग्रहण

योजना के मुताबिक बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर के लिए 5 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इसके दायरे में करीब 300 मंदिर व आवासीय भवन आ रहे हैं जिन्हें विस्थापित किया जाना है। इन इमारतों की सर्वे रिपोर्ट तैयार हो चुकी है।

कॉरिडोर का विरोध करने वाले मथुरा-वृंदावन के लोगों ने मंगलवार को 36 घंटे बाजार बंद किया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खून से चिट्ठी लिखकर निर्माण न कराने का अनुरोध किया है। लोगों का विरोध थामने के लिए स्थानीय सांसद हेमा मालिनी ने बैठक की और कॉरिडोर के फायदे के बारे में बताया। सांसद ने कहा कि कॉरिडोर बनने के बाद यहां लोगों की आमद बढ़ेगी और कारोबार भी चमकेगा।

कॉरिडोर की परियोजना के मुताबिक बांके बिहारी मंदिर तक जाने के लिए तीन प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे। यमुना एक्सप्रेसवे की ओर से आने वाले श्रद्धालु सीधे मंदिर में पहुंच सकेंगे और रास्ते में उनकी गाड़ियों के लिए पार्किंग होगी। कॉरिडोर में श्रद्धालुओं के विश्राम के लिए स्थान बनाया जाएगा और दर्शन के बाद सीधे मंदिर से यमुना के देवरहा बाबा घाट तक जाने का मार्ग बनाया जाएगा।

यह भी पढ़ें: UP में 24 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा निवेश करेंगी सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया की बड़ी कंपनियां

मंदिर का मूल स्वरुप वैसा ही रहेगा, केवल बाहरी परिसर का होगा विस्तार

जिला प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक बांके बिहारी मंदिर के मूल स्वरुप को वैसे ही रखा जाएगा और केवल बाहरी परिसर को विस्तारित किया जाएगा। बाहरी परिसर में बगीचा, फव्वारा, विश्राम स्थल, पार्किंग, अस्पताल के साथ पूजा सामाग्री बेंचने वाली दुकानों का एक कॉम्प्लेक्स होगा। प्रसाधन पेयजल सुविधा, शिशु देखभाल कक्ष, बीआईपी कक्ष और सामान घर बनाया जाएगा।

प्रशासन ने साफ कर दिया है कि कॉरिडोर के निर्माण में जिन लोगों की दुकाने तोड़ी जाएंगी उन्हें पहले से अधिक बड़ी व व्यवस्थित दुकान दी जाएगी। कॉरिडोर में करीब 8,000 वर्गफुट में दुकानें बनाई जाएंगी।

First Published - January 18, 2023 | 8:32 PM IST

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