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घटती प्रजनन दर पर भागवत की चिंता, भाजपा का समर्थन, विपक्ष ने उठाए संसाधनों पर सवाल

विपक्षी दलों ने कहा कि खाद्य सामग्री की कीमतें अधिक हैं और सरकार लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने में विफल रही है।

Last Updated- December 02, 2024 | 11:00 PM IST
Bhagwat's concern over declining fertility rate, BJP's support, opposition raised questions of resources घटती प्रजनन दर पर भागवत की चिंता, भाजपा का समर्थन, विपक्ष ने उठाए संसाधनों के सवाल

भारत की घटती प्रजनन दर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत द्वारा चिंता जताए जाने के एक दिन बाद सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उनकी टिप्पणी का स्वागत किया, जबकि विपक्षी दलों ने पूछा कि बढ़ी हुई आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए संसाधन कहां से आएंगे। विपक्षी दलों ने कहा कि खाद्य सामग्री की कीमतें अधिक हैं और सरकार लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने में विफल रही है।

रविवार को नागपुर में एक कार्यक्रम में भागवत ने परिवारों की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला और आगाह किया कि जनसंख्या विज्ञान के अनुसार, अगर किसी समाज की कुल प्रजनन दर 2.1 से नीचे गिरती है, तो वह विलुप्त हो सकता है। इसलिए जब हम 2.1 कहते हैं, तो इसका मतलब है कि यह अधिक होना चाहिए, कम से कम तीन। जनसंख्या विज्ञान भी यही कहता है।

उन्होंने घटती जनसंख्या वृद्धि को गंभीर चिंता बताया। भागवत की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर भाजपा नेता मनोज तिवारी ने कहा कि यह राष्ट्रीय हित में है। तिवारी ने संसद के बाहर कहा, ‘आरएसएस एक देशभक्त संगठन है। अगर मोहन भागवत जी ने कुछ कहा है तो यह निश्चित रूप से राष्ट्रीय हित में होगा। इसलिए इसका सकारात्मक विश्लेषण किया जाना चाहिए।’

मेरठ से भाजपा सांसद अरुण गोविल ने भी इसी तरह की बात कही। हालांकि, विपक्षी नेताओं ने भागवत की टिप्पणी को लेकर सवाल उठाए। कटिहार से कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने कहा कि भागवत की टिप्पणी जनसंख्या के मुद्दे पर भाजपा नेताओं की बातों के विपरीत हैं।

उन्होंने कहा, ‘भागवत जो कह रहे हैं, उसमें काफी विरोधाभास है, क्योंकि भाजपा नेता कह रहे हैं कि जनसंख्या को नियंत्रित किया जाना चाहिए। उन्हें इन विरोधाभासों को दूर करना चाहिए और सरकार को जनसंख्या पर नीति लानी चाहिए।’ आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के सांसद चंद्रशेखर ने पूछा कि बढ़ी हुई आबादी को सहारा देने के लिए अतिरिक्त संसाधन कहां से आएंगे।

First Published - December 2, 2024 | 11:00 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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