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Coronavirus Update: देश में कोविड-19 मामलों में हल्की बढ़ोतरी, प्राइवेट हॉस्पिटल्स अलर्ट मोड पर

भारत में एक्टिव कोविड मामलों की संख्या में धीरे-धीरे बढ़ोतरी देखी जा रही है, हालांकि अधिकांश केस हल्के और मैनेजेबल हैं।

Last Updated- May 24, 2025 | 9:37 AM IST
Coronavirus
Representative Image

Coronavirus Update: देश में एक बार फिर कोविड-19 मामलों में मामूली इज़ाफ़ा देखने को मिल रहा है। ऐसे में देशभर के प्राइवेट अस्पतालों ने सतर्कता बरतते हुए अपनी तैयारियां तेज़ कर दी हैं। यह स्थिति एक बार फिर कोरोना महामारी की शुरुआत के दिनों की याद दिला रही है, जब एहतियात को सबसे ज़्यादा प्राथमिकता दी जाती थी।

19 मई तक भारत में कुल सक्रिय कोविड-19 मामलों की संख्या 257 पहुंच गई है। यह आंकड़ा पिछले हफ्ते की तुलना में 164 मामलों की बढ़ोतरी को दर्शाता है। हालांकि यह संख्या बड़ी नहीं है, लेकिन यह बढ़ोतरी स्वास्थ्य विभाग और अस्पतालों के लिए चेतावनी का संकेत मानी जा रही है।

फिलहाल केंद्र सरकार की तरफ से कोई नई गाइडलाइंस जारी नहीं की गई हैं। लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय हालात पर करीबी नज़र बनाए हुए है और कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है। मंत्रालय के अनुसार, ज़्यादातर मामलों में मरीज़ों में हल्के लक्षण ही पाए जा रहे हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता नहीं पड़ रही है।

भले ही स्थिति गंभीर नहीं है, लेकिन देश के कई प्राइवेट हॉस्पिटल्स ने एहतियातन कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। कुछ अस्पतालों में फिर से स्क्रीनिंग, कोविड जांच और इंफेक्शन कंट्रोल प्रोटोकॉल लागू कर दिए गए हैं। साथ ही मेडिकल स्टाफ को अलर्ट मोड पर रखा गया है ताकि अगर किसी भी इलाके में अचानक केस बढ़ते हैं, तो उसके लिए पूरी तैयारी हो।

कोलकाता स्थित CK बिड़ला हॉस्पिटल्स के अंतर्गत आने वाले Calcutta Medical Research Institute (CMRI) ने कोविड संक्रमण को लेकर सतर्कता बढ़ा दी है। अस्पताल के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. अरुप हलदर ने जानकारी दी कि कोविड के नए वेरिएंट्स को देखते हुए अस्पताल ने कई जरूरी कदम उठाए हैं।

डॉ. हलदर ने बताया, “हमने ऑक्सीजन-सपोर्टेड बेड्स को मार्क करना शुरू कर दिया है, साथ ही PPE किट्स, ऑक्सीजन सिलेंडर्स और एंटीवायरल दवाइयों जैसी जरूरी मेडिकल सप्लाइज का स्टॉक चेक भी सुनिश्चित किया गया है। हमारे इमरजेंसी और OPD डिपार्टमेंट्स में कोविड स्क्रीनिंग प्रोटोकॉल को और सख्त कर दिया गया है।”

अस्पताल की गाइडलाइन्स के मुताबिक, हल्के फ्लू जैसे लक्षणों वाले मरीजों को घर पर ही रहने और ऑक्सीजन लेवल मॉनिटर करने की सलाह दी जा रही है। “अगर लक्षण बिगड़ते हैं, तभी डॉक्टरी सलाह लें,” डॉ. हलदर ने कहा। उन्होंने यह भी बताया कि हाई-रिस्क ग्रुप्स — खासकर बुज़ुर्गों और इम्यूनोकॉम्प्रोमाइज़्ड लोगों — के लिए बूस्टर वैक्सीनेशन की सिफारिश की जा रही है।
फिलहाल जो कोविड वेरिएंट्स सामने आ रहे हैं, उनमें JN.1 और इसके सब-लाइनएज LF.7 और NB1.8 शामिल हैं। ये वेरिएंट्स तेजी से फैलते हैं, लेकिन इनकी गंभीरता पहले के स्ट्रेन्स की तुलना में अधिक नहीं है।

पुणे स्थित Ruby Hall Clinic ने हालाँकि अभी तक मरीजों की संख्या में कोई बड़ी बढ़ोतरी नहीं देखी है, लेकिन अस्पताल पूरी तरह से तैयार है। अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. प्रसाद मुगलीकर ने जानकारी दी, “हमने अस्पताल में अब तक कोई बड़ा उछाल नहीं देखा है, लेकिन हमारी तैयारी पूरी है। फिलहाल हमारे पास 10–12 आइसोलेशन बेड्स रिज़र्व हैं और टेस्टिंग की सुविधाएं भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।”

वहीं, मुंबई के Sir H. N. Reliance Foundation Hospital की CEO और ग्रुप CEO – Healthcare Initiatives, तरंग ज्ञानचंदानी ने बताया कि उन्होंने संक्रमण से बचाव के सभी जरूरी कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, “हमने अपनी पॉलिसीज़ को एक्टिवेट किया है, जिसमें हैंड हाइजीन को दोबारा से मजबूती दी गई है, इन्फेक्शन कंट्रोल प्रोटोकॉल्स को फॉलो किया जा रहा है और ज़रूरत पड़ने पर स्टाफ को क्वारंटीन किया जा रहा है।”

इन्फ्रास्ट्रक्चर के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, “हमने और ज्यादा नेगेटिव प्रेशर आइसोलेशन बेड्स बनाए हैं और अगर हालात बिगड़ते हैं तो हम आगे भी कदम उठाएंगे।”

हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि “फिलहाल जो नया स्ट्रेन सामने आया है, वह काफी मैनेजेबल लग रहा है और उससे कोई गंभीर कॉम्प्लिकेशन देखने को नहीं मिल रहे हैं।”

महाराष्ट्र में कोविड-19 के मामलो में एक बार फिर से हल्की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है, हालांकि राज्य सरकार ने लोगों से घबराने की जरूरत नहीं होने की अपील की है। पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट के अनुसार, अधिकतर मरीजों का इलाज होम आइसोलेशन में किया जा रहा है, जैसा कि नेशनल गाइडलाइन्स में बताया गया है। वहीं, ज़रूरत पड़ने पर अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाने की तैयारियां भी चल रही हैं। इसके तहत ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड्स को आरक्षित किया जा रहा है।

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, जिन मरीजों में इन्फ्लुएंजा जैसे लक्षण (ILI) या सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन (SARI) पाए जा रहे हैं, उनका कोविड टेस्ट किया जा रहा है। जनवरी से 22 मई तक राज्यभर में 6,477 टेस्ट किए गए, जिनमें से 165 लोग पॉजिटिव पाए गए। इनमें से सिर्फ मई महीने में मुंबई में 142 केस सामने आए हैं।

22 मई तक राज्य में कुल 33 ऐक्टिव केस दर्ज किए गए हैं, जिनमें ज़्यादातर मरीजों में केवल माइल्ड लक्षण पाए गए हैं। हालांकि, दो मरीजों को गंभीर स्थिति में रिपोर्ट किया गया है — इनमें से एक को नेफ्रोटिक सिंड्रोम और दूसरे को किडनी से जुड़ी बीमारी है।

स्वास्थ्य विभाग ने कहा है, “जनता से अनुरोध है कि वे पैनिक न करें। सभी मामलों में लक्षण माइल्ड हैं और पब्लिक हेल्थ फैसिलिटीज में टेस्टिंग और ट्रीटमेंट की सुविधा उपलब्ध है।”

केरल ने एक बार फिर अपनी सक्रियता का परिचय देते हुए संवेदनशील जनसंख्या के लिए मास्क पहनने की सलाह जारी की है और अपने रैपिड रिस्पॉन्स टीम्स को दोबारा एक्टिव कर दिया है। मई महीने में अब तक राज्य में 182 नए मामले दर्ज किए गए हैं।

वहीं, तमिलनाडु ने 19 मई तक कुल 66 मामलों की पुष्टि की है, जिनमें से 34 केस हाल ही में सामने आए हैं। कर्नाटक ने भी आठ नए मामलों के साथ अपनी कुल गिनती को 13 तक पहुंचा दिया है।

हालांकि, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन (WHO) ने अभी तक कोई नई एडवाइज़री जारी नहीं की है, लेकिन एशिया के कई हिस्सों — जैसे कि हॉन्गकॉन्ग, सिंगापुर और थाईलैंड — में ओमिक्रॉन के नए सब-वेरिएंट्स का फैलाव देखा जा रहा है।

भारत में राज्य स्तरीय स्वास्थ्य विभागों ने भी तेजी दिखाई है। आईएलआई (ILI) और सैरी (SARI) जैसे लक्षणों वाले सभी मरीजों की टेस्टिंग की जा रही है, जिससे इंफेक्शन का जल्दी पता लगाया जा सके और कंटेनमेंट में मदद मिले।

हालांकि अभी केस की संख्या कम है और ज्यादातर मरीजों में हल्के लक्षण हैं, लेकिन हेल्थकेयर सेक्टर में प्राइवेट हॉस्पिटल्स ने भी एहतियात बरतनी शुरू कर दी है। वे ज़रूरी मेडिकल सप्लाईज़ स्टॉक कर रहे हैं, आइसोलेशन प्रोटोकॉल को फिर से सख्ती से लागू कर रहे हैं और हाई-रिस्क ग्रुप्स के लिए एडवाइज़री जारी कर रहे हैं। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन सतर्कता बेहद ज़रूरी।

First Published - May 24, 2025 | 9:36 AM IST

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