facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

Cyclone Storm Remal: चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ रविवार शाम को पश्चिम बंगाल के तट से टकराएगा, भारी बारिश का अलर्ट

26-27 मई को पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मिजोरम, त्रिपुरा और दक्षिण मणिपुर में भारी बारिश हो सकती है।

Last Updated- May 23, 2024 | 11:05 PM IST
Cyclone Storm Remal

मौसम का पहला बड़ा चक्रवाती तूफान रेमल रविवार शाम तक बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के तटों तक पहुंचेगा। भारतीय मौसम विभाग ने गुरुवार को बताया कि रविवार को चक्रवात आने पर हवा 102 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल सकती है। अधिकारियों ने चेताया है कि 26-27 मई को पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों, पश्चिम बंगाल, उत्तरी ओडिशा, मिजोरम, त्रिपुरा और दक्षिण मणिपुर में भारी बारिश हो सकती है।

उधर, इस चक्रवात के मॉनसून पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर अनिश्चितता है। मौसम विभाग की वैज्ञानिक मोनिका शर्मा के अनुसार, ‘यह सिस्टम बंगाल की खाड़ी के मध्य में दबाव के रूप में केंद्रित हो जाएगा। इसके बाद शनिवार की सुबह ज्यादा बढ़े चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा। यह तूफान रविवार शाम को बांग्लादेश और समीपवर्ती पश्चिम बंगाल के तटों तक पहुंच जाएगा।’

मछुआरों को समुद्र तट की ओर लौट आने और 27 मई तक बंगाल की खाड़ी के समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है। वैज्ञानिकों के अनुसार चक्रवाती तूफान तेजी से आगे बढ़ते हैं और यह लंबे समय सक्रिय रहते हैं। इसका कारण समुद्र की सतह का तापमान अधिक गर्म होना होता है। दरअसल, समुद्र की सतह गर्म होने के कारण ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन की ज्यादा गर्मी को सोख लेती हैं।

समु्द्र की सतह के तापमान का रिकॉर्ड 1880 से रखना शुरू हुआ। इस क्रम में बीते 30 वर्षों के दौरान समुद्र की सतह का अधिक तापमान दर्ज किया गया है।

First Published - May 23, 2024 | 10:21 PM IST

संबंधित पोस्ट