facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें फिर से हो सकती हैं शुरू, कोरोना के दौरान हुई थी बंद; यात्रियों को मिलेगा बड़ा फायदा

साल 2020 की शुरुआत में वैश्विक महामारी के दस्तक देने के साथ ही भारत और चीन के बीच सीधी उड़ान सेवाएं बंद कर दी गई थीं, जो अब तक बंद हैं।

Last Updated- April 25, 2025 | 11:21 PM IST
Airplane
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

भारत और चीन के बीच सालाना 5 लाख से अधिक यात्री दूसरे मार्गों से उड़ान भरते हैं। अब दोनों देशों के बीच फिर से सीधी उड़ान के लिए चर्चा चल रही है, जिसका फायदा दोनों देशों के यात्रियों को मिलेगा। चीन के लिहाज से देखा जाए तो अमेरिका और चीन के बीच उड़ानों में 76 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है। भारत वैश्विक महामारी से पहले एयर इंडिया के कमजोर होने के दौर के मुकाबले अब बाजार की बड़ी हिस्सेदारी हासिल कर सकता है।

भारत और चीन का विमानन बाजार शुरू से काफी प्रतिबंधात्मक रहा है। मगर साल 2020 की शुरुआत में वैश्विक महामारी के दस्तक देने के साथ ही भारत और चीन के बीच सीधी उड़ान सेवाएं बंद कर दी गई थीं, जो अब तक बंद हैं। विमानन उद्योग के लिए वैश्विक डेटा कंपनी ओएजी के मुताबिक, साल 2019 में भारत और चीन के बीच विमानों की फ्रिक्वेंसी 2,588 उड़ानों के साथ उच्च स्तर पर पहुंच गई थी। इसमें चाइना सदर्न और चाइना ईस्टर्न जैसी दो विमानन कंपनियों का दबदबा था, जिनका कुल बाजार में 80 फीसदी से अधिक नियंत्रण था। मगर वैश्विक महामारी और सीमा पर हुई झड़पों के बाद इसमें भारी गिरावट दर्ज की गई और साल 2024 के दौरान पूरे साल सिर्फ 6 उड़ानें रह गईं।

मगर हाल ही में दोनों सरकारों के बीच सीमा पर चल रहे मसलों को निपटाने के लिए हुई बातचीत से अब एक बार फिर दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें शुरू होने की संभावना बन गई है। यह ऐसे वक्त में हो रहा है कि जब चीन और अमेरिका के बीच उड़ानों की संंख्या में तेजी से गिरावट आई है। ओएजी के मुताबिक, साल 2019 में दोनों देशों के बीच जहां 10,400 उड़ानें थीं वह अब मौजूदा द्विपक्षीय समझौते के तहत सालाना 2,500 रह गई हैं। यानी इसमें करीब 76 फीसदी की भारी भरकम गिरावट देखने को मिली है। बड़े बेड़े और अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के कारण चीन इस बड़ी गिरावट की भरपाई के लिए अन्य देशों का रुख करने के बारे में सोच रहा है।

बेशक ऐसा इसलिए भी है क्योंकि चीन और भारत का हवाई बाजार दोनों देशों के लिए आकर्षक है। ओएजी का अनुमान है कि सीधी उड़ान सेवा बाधित होने के बाद से हर साल करीब 5.20 लाख यात्री दूसरे मार्गों से इन दोनों देशों की यात्रा करते हैं। साल 2020 में सीधी उड़ानें बंद होने के बाद से अब यात्री हॉन्गकॉन्ग, बैंकॉक और यहां तक की सिंगापुर के रास्ते यात्रा करते हैं। साल 2019 में 8.90 लाख से अधिक यात्रियों ने सीधी उड़ानों से दोनों देशों की यात्री की थी। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के आंकड़ों के मुताबिक, यह सबसे ज्यादा आंकड़े वाला साल था। साल 2024 में दोनों देशों के बीच कोई सीधी यात्री वाणिज्यिक उड़ान नहीं थीं। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि भारतीय विमानन कंपनियां, जिन्होंने हाल ही में 1,800 विमानों का ऑर्डर दिया है, निश्चित रूप से अपने बाजार का विस्तार करना चाह रही हैं।

First Published - April 25, 2025 | 10:44 PM IST

संबंधित पोस्ट