एलन मस्क के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) ने किसान आंदोलन से जुड़े कई अकाउंट्स और संबंधित फैन पेज या अकाउंट्स को सस्पेंड कर दिया है। जिन खातों को निलंबित किया गया है उसमें से कई प्रमुख किसान नेताओं और उनके समर्थन वालों के अकाउंट हैं।
बता दें, भारत सरकार ने एक्स को निर्देश दिया था कि किसानों के विरोध से संबंधित अकाउंट्स और पोस्ट को निलंबित कर दिया जाए। केंद्र सरकार ने किसानों के ‘दिल्ली चलो प्रदर्शन’ से जुड़े मामले के बारे में ये आदेश निकाला था।
X ने जताई असहमति
सोशल मीडिया कंपनी ने एक सार्वजनिक पोस्ट कर कहा कि उसे भारत सरकार के कार्यकारी आदेशों के बाद विशिष्ट खातों और पोस्ट पर कार्रवाई करने के लिए कहा गया था, जिसका अनुपालन न करने पर जुर्माना और कारावास सहित संभावित दंड की धमकी दी गई थी।
एक्स के आधिकारिक वैश्विक सरकारी मामलों के खाते में कहा गया है कि हालांकि वे भारत के भीतर पहचाने गए खातों और पोस्ट को रोक देंगे, वे सरकार के आदेशों से सहमत नहीं हैं और प्रभावित पोस्ट के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बनाए रखने में विश्वास करते हैं।
The Indian government has issued executive orders requiring X to act on specific accounts and posts, subject to potential penalties including significant fines and imprisonment.
In compliance with the orders, we will withhold these accounts and posts in India alone; however,…
— Global Government Affairs (@GlobalAffairs) February 21, 2024
आईटी मंत्रालय ने निकाला था आदेश
सूत्रों की मानें तो इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने गृह मंत्रालय के अनुरोध पर आईटी एक्ट की धारा 69ए के तहत 14 और 19 फरवरी को आदेश जारी किए थे कि 177 सोशल मीडिया खातों और वेब लिंक को अस्थायी रूप से बंद किया जाए। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए गृह मंत्रालय के अनुरोध पर ये आदेश निकाल गया था।
किसान आंदोलन का आज 10वां दिन
देश में किसान आंदोलन और विरोध प्रदर्शन चल रहा है। देशभर में एमएसपी की गारंटी को लेकर किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हाल ही में हुई किसानों और सरकार के प्रतिनिधियों की बैठक में सरकार की तरफ से कुछ फसलों पर 5 साल के लिए एमएसपी लागू करने का प्रस्ताव दिया गया था जिसे किसान नेताओं ने ठुकरा दिया। किसानों की कहना है कि उनकी पूरी मांगे पूरी हों, जिसके लिए वे सरकार से ये भी अपील कर रहे हैं कि उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करने और अपनी मांगे रखने का मौका दिया जाए।