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प्रधानमंत्री के निर्देश के बाद राजमार्गों की क्वालिटी पर नजर

एनएचएआई सख्त नियमों के साथ जवाबदेही तय करेगा, घटिया निर्माण पर डेवलपर्स की जवाबदेही बढ़ाई जाएगी

Last Updated- January 03, 2025 | 10:34 PM IST
PM Narendra Modi- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजमार्गों की क्वालिटी पर ध्यान देने के निर्देश के बाद सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने क्वालिटी मानकों को बेहतर ढंग से लागू करने के तरीके खोजने शुरू कर दिए हैं। प्रधानमंत्री ने मंत्रालय के अधिकारियों को राजमार्गों की क्वालिटी की खामियों को दूर करने का निर्देश दिया था।

बहरहाल एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘राजमार्ग परियोजनाओं के क्वालिटी मानकों को लेकर कोई मसला नहीं है। हमारे मानक वैश्विक स्तर के मानदंड हैं – प्राथमिक मुद्दा विनियमों को लागू करना है। इस बारे में विचार-विमर्श जारी है।’ मोदी ने क्षेत्रवार समीक्षा के दौरान बुधवार को सड़क यातायात क्षेत्र की समीक्षा की थी। इस दौरान महंगी महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं में भी क्वालिटी की शिकायतों सहित अन्य मसलों पर चर्चा हुई। यह कदम पीएम मोदी द्वारा उद्घाटन की गई परियोजनाओं में क्वालिटी संबंधी खामियां पाए जाने के बाद उठाया गया, जैसे कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के कुछ हिस्सों में, जिसको लेकर सोशल मीडिया पर आलोचना हुई थी। एक अन्य अधिकारी ने बताया, ‘हमने डेवलपर्स को बताया कि ये सिर्फ रखरखाव की समस्या नहीं है बल्कि मसले निर्माण के स्तर पर हैं और इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा।’

मंत्रालय सुधारों को अपनाकर डेवलपर्स के घटिया निर्माण दस्तूर पर अंकुश लगाना चाह रहा है। उदाहरण के लिए इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) ठेके में खामियों की जिम्मेदारी को दोगुना बढ़ाकर 10 वर्ष कर दिया गया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 2023 में कहा था कि वह राष्ट्रीय राजमार्गों पर ढांचागत खामियों से होने वाले सड़क हादसे में मौत होने की स्थिति में परियोजना इंजीनियर और ठेकेदार को आपराधिक रूप से जिम्मेदार बनाने पर विचार कर रहे हैं। इस बारे में हमने मंत्रालय और एनएचएआई को सवाल भेजे थे लेकिन खबर लिखे जाने तक जवाब नहीं आया।

अधिकारी ने बताया, ‘मंत्री (गडकरी) ने संकेत दिया है कि अब उनका जोर राजमार्गों के रखरखाव और उन्हें बेहतर बनाने पर है। लिहाजा रिकॉर्ड निर्माण के पहले के लक्ष्य में कुछ बदलाव आया है।’ हाल में नियुक्त केंद्रीय राजमार्ग सचिव वी. उमाशंकर ने भी एक बैठक में डेवलेपर्स से कहा था कि ठेकेदारों के लिए बने कठोर जवाबदेही उपायों से कोई समझौता नहीं होगा, क्योंकि यह मात्र जिम्मेदारियों में खामी नहीं है बल्कि ‘लोगों के प्रति जिम्मेदारियों में खामी’ है। कोरोना के दौरान लॉकडाउन की घोषणा के बाद मंत्री ने आधारभूत ढांचा क्षेत्र में नकदी की समस्या को हल करने का प्रयास किया था और इस क्रम में वित्तीय उपबंधों में ढील दी गई थी।

इससे बिना अनुभव वाली कई कंपनियां भी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में शामिल हो गई थीं। वर्ष 2022 में कुछ ईपीसी परियोजनाओं में पात्र बोलीकर्ताओं की संख्या करीब 40 तक हो गई थी। बढ़ती प्रतिस्पर्धा की वजह से एनएचएआई को ईपीसी परियोजनाओं की अनुमानित लागत में 30-35 फीसदी तक की रियायती बोलियां प्राप्त हुईं। हाइवे कन्सेशनर्स के लिए हाल में शुरू की गई रेटिंग प्रणाली में मंत्रालय यह सुनिश्चित करेगा कि केवल उच्च रैंकिंग वाले खिलाड़ी ही राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में आगे बढ़ें।

First Published - January 3, 2025 | 10:34 PM IST

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