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Pawan Hans: सरकारी हेलीकॉप्टर कंपनी बेचने में चौथी बार फेल हुई सरकार,बिक्री प्रक्रिया निरस्त

पवन हंस के पास 42 हेलीकॉल्टर हैं, जिनमें से ज्यादातर 20 साल पुराने हैं

Last Updated- July 03, 2023 | 11:12 PM IST

केंद्र सरकार ने पवन हंस की रणनीतिक बिक्री की प्रक्रिया निरस्त कर दी है। इसके लिए सफल बोली लगाने वाले गठजोड़ स्टार9 मोबिलिटी पर लंबित कानूनी मामले को देखते हुए उसे अयोग्य घोषित किए जाने के बाद यह कदम उठाया गया है। पवन हंस सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी का एक संयुक्त उद्यम है, जो हेलीकॉप्टर सेवा प्रदान करती है।

स्टार-9 तीन कंपनियों का गठजोड़ है। इसमें बहुलांश हिस्सेदारी कैमन आइलैंड की अल्मास ग्लोबल अपॉर्च्यूनिटीज फंड (AGOF) की है। । इस गठजोड़ में बिग चार्टर प्राइवेट लिमिटेड और महाराजा एविएशन प्राइवेट लिमिटेड भी शामिल हैं। स्टार-9 ने 2021 में पवन हंस के लिए 211.14 करोड़ रुपये में बोली हासिल की थी।

राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) की कोलकाता शाखा ने इस गठजोड़ की प्रमुख साझेदार अल्मास ग्लोबल अपॉर्च्यूनिटी फंड के खिलाफ आदेश दिया था। न्यायाधिकरण ने इसकी एक अन्य कंपनी ईएमसी लिमिटेड की मंजूर की गई समाधान योजना का जानबूझकर उल्लंघन करने के लिए इसके खिलाफ आदेश दिया और उसकी 30 करोड़ रुपये की प्रदर्शन बैंक गारंटी जब्त कर ली थी।

सरकार ने अप्रैल में फंड के खिलाफ अप्रैल मे नोटिस जारी कर पूछा था कि वह उसके द्वारा हासिल बोली को क्यों न रद्द कर दिया जाए। सोमवार को निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) ने कहा, ‘ सरकार ने एनसीएलटी और राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLT) के प्रतिकूल आदेशों की पड़ताल करने के बाद पवन हंस के लिए सफल रणनीतिक बोली लगाने वाली स्टार9 मोबिलिटी को विनिवेश प्रक्रिया के अयोग्य घोषित करने का फैसला किया है।

प्राथमिक सूचना ज्ञापन मुहैया न कराने के कारण सफल बोलीकर्ता के अयोग्य घोषित होने के साथ ही रणनीतिक विनिवेश के लिए जारी प्रक्रिया निरस्त हो गई है।’

दीपम ने कहा कि पवन हंस के रणनीतिक विनिवेश के लिए रुचि पत्र (EOI) के तहत चल रही मौजूदा प्रक्रिया रद्द हो गई है।

यह फैसला रणनीतिक विनिवेश के लिए बनी वैकल्पिक व्यवस्था की मंजूरी के बाद हुआ है, जिसे आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा शक्तियां दी गई हैं और इसमें सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री, वित्त मंत्री और नागरिक उड्डयन मंत्री शामिल हैं।

सरकार 2016 से पवन हंस को बेचना चाह रही है और उसके बाद वह 4 असफल कवायद कर चुकी है।

सरकार ने 29 अप्रैल, 2022 को स्टार-9 मोबिलिटी को पवन हंस में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए सफल बोलीदाता घोषित किया था। NCLT के विपरीत आदेश के कारण स्टार-9 मोबिलिटी को लेटर आफ इंटेंट (एलओआई) जारी नहीं किया गया।

गठजोड़ ने NCLT के आदेश के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीली पंचाट (NCLAT) की नई दिल्ली स्थित मुख्य शाखा में अपील की थी। NCLAT ने अपील खारिज करते हुए NCLT का मूल आदेश बरकरार रखा और निर्देश दिया कि NCLAT का आदेश कंपनी मामलों के मंत्रालय और दिवाला नियामक IBBI को विचार के लिए भेजा जाए। इस निर्देश पर कार्रवाई करते हुए IBBI ने संबंधित कंसोर्टियम सदस्य के खिलाफ विशेष न्यायालय में शिकायत की।

बहरहाल सरकार ने कंपनी के खिलाफ आदेश की जांच की और साथ ही कारण बताओ नोटिस भेजकर कंपनी को अपना पक्ष रखने का मौका दिया। एक अधिकारी के मुताबिक गठजोड़ की ओर से संतोषजनक उत्तर न मिलने पर सरकार ने यह बोली रद्द करने का फैसला किया है।

First Published - July 3, 2023 | 8:35 PM IST

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