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छिपी आय का खुलासा अब होगा आसान, वित्त मंत्रालय ने ITR-B को किया नोटिफाई; टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी राहत

फॉर्म ITR-B करदाता को अपनी छिपी आय के खिलाफ टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) और टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स (TCS) का क्रेडिट लेने की इजाजत देता है।

Last Updated- April 08, 2025 | 9:14 PM IST
Ministry of Finance

वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को फॉर्म ITR-B को गजट के जरिए नोटिफाई किया। यह फॉर्म उन करदाताओं को भरना होगा, जिन्हें आयकर विभाग की तलाशी या जांच में पकड़ी गई पहले से छिपी आय का खुलासा करना है। यह नियम 1 सितंबर, 2024 या उसके बाद शुरू हुई तलाशी या जांच से जुड़े मामलों के लिए है। इस फॉर्म को ब्लॉक मूल्यांकन के जरिए दाखिल करना होगा।

नांगिया एंडरसन एलएलपी के एमएंडए टैक्स पार्टनर संदीप झुनझुनवाला ने कहा, “सामान्य ITR फॉर्म्स में बहुत सारी जानकारी देनी पड़ती है, लेकिन फॉर्म ITR-B में केवल ब्लॉक मूल्यांकन की अवधि से जुड़ी थोड़ी-सी जानकारी मांगी गई है। इससे करदाताओं पर नियमों का ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा और डेटा सही तरीके से दर्ज हो सकेगा।”

आयकर में ब्लॉक मूल्यांकन प्रक्रिया एक खास तरीका है, जिसे कर अधिकारी तब इस्तेमाल करते हैं जब किसी करदाता की छिपी आय का पता लगाना होता है। यह आमतौर पर तब होता है जब समय के साथ छिपाई गई आय का सबूत मिलता है। इस प्रक्रिया का इस्तेमाल खासकर तलाशी और जब्ती के मामलों में होता है, जहां आयकर अधिकारी नियमित रिटर्न में न दिखाई गई आय के सबूत पाते हैं।

फॉर्म ITR-B करदाता को अपनी छिपी आय के खिलाफ टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) और टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स (TCS) का क्रेडिट लेने की इजाजत देता है।

झुनझुनवाला ने कहा, “हालांकि, इन दावों को आयकर अधिकारी की जांच और संतुष्टि के बाद ही मंजूरी मिलेगी। अगर डॉक्यूमेंट्स पूरे नहीं हुए तो मुश्किल हो सकती है।”

डिजिटल फाइलिंग में खामियां

झुनझुनवाला ने आगे कहा, “फॉर्म ITR-B को डिजिटल तरीके से जमा करने की कोशिश अच्छी है, लेकिन इसके वेरिफिकेशन हिस्से में एक विरोधाभास दिखता है। फॉर्म में इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग की बात है, लेकिन साथ ही स्टैंप रसीद नंबर, सील और प्राप्त करने वाले अधिकारी के हस्ताक्षर जैसे विवरण भी मांगे गए हैं। यह अंतर प्रक्रिया में भ्रम पैदा कर सकता है और डिजिटल सुविधा के मकसद को कमजोर कर सकता है।”

कुल मिलाकर, फॉर्म ITR-B का लक्ष्य छिपी आय को आसानी से घोषित करना है, लेकिन कुछ कमियों की वजह से करदाताओं को सतर्क रहना होगा।

First Published - April 8, 2025 | 9:09 PM IST

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