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सांसदों की सैलरी में 24% का इजाफा, भत्ता और पेंशन में भी बड़ा बदलाव; जानिए अब कितना मिलेगा पैसा

केंद्र सरकार ने संसद के पूर्व सदस्यों के लिए पांच साल से अधिक की सेवा पर प्रत्येक वर्ष के लिए अतिरिक्त पेंशन की घोषणा की है।

Last Updated- March 24, 2025 | 10:39 PM IST
New Parliament Building
फोटो क्रेडिट: Commons

केंद्र सरकार ने सोमवार को संसद सदस्यों के वेतन में 24 फीसदी की बढ़ोतरी की अधिसूचना जारी कर दी। लागत मुद्रास्फीति सूचकांक के आधार पर यह अधिसूचना 1 अप्रैल 2023 से ही प्रभावी होगी। इसके साथ ही, सांसदों का मासिक वेतन कुछ भत्तों और सुविधाओं के अलावा 1.24 लाख रुपये हो गया है। यह पहले एक लाख रुपये था। संसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, मौजूदा सदस्यों के दैनिक भत्तों को भी 2,000 रुपये से बढ़ाकर 2,500 रुपये कर दिया है। सांसदों को संसद की कार्यवाही में हिस्सा लेने तथा संसदीय समितियों की बैठकों में भाग लेने के लिए भत्ता दिया जाता है।

केंद्र सरकार ने संसद के पूर्व सदस्यों के लिए पांच साल से अधिक की सेवा पर प्रत्येक वर्ष के लिए अतिरिक्त पेंशन की घोषणा की है। पूर्व सांसदों की पेंशन 25,000 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 31,000 रुपये प्रति माह कर दी गई है। पांच साल से अधिक की सेवा पर प्रत्येक वर्ष के लिए अतिरिक्त पेंशन 2,000 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 2,500 रुपये प्रति माह कर दी गई है। 

वर्ष 2018 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सांसदों का वेतन 50,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया था। जेटली ने हर पांच साल में वेतन और भत्तों में स्वत: संशोधन के लिए एक तंत्र भी बनाया था, जिसे मुद्रास्फीति के साथ जोड़ा गया था। इसके साथ ही सांसदों द्वारा अपना वेतन तय करने के लिए सिफारिशें करने का चलन खत्म हो गया था। संसद सदस्य को अब वेतन के रूप में 1.24 लाख रुपये प्रति माह मिलेंगे, जबकि निर्वाचन क्षेत्र भत्ता के रूप में 87,000 रुपये प्रति माह मिलेंगे, जो पहले 70,000 रुपये था। कार्यालय खर्च के लिए सांसदों को 75,000 रुपये मिलेंगे, जबकि पहले यह राशि 60,000 रुपये थी। 75,000 रुपये के कार्यालय खर्च में कंप्यूटर ऑपरेटर की सेवाएं लेने के लिए 50,000 रुपये और ‘स्टेशनरी’ सामग्री के लिए 25,000 रुपये शामिल हैं। सांसदों को अपने कार्यकाल के दौरान एक बार एक लाख रुपये का टिकाऊ फर्नीचर और 25,000 रुपये का गैर-टिकाऊ फर्नीचर खरीदने का भी अधिकार है। इससे पहले, टिकाऊ फर्नीचर के लिए 80,000 रुपये और गैर-टिकाऊ फर्नीचर के लिए 20,000 रुपये खर्च करने का अधिकार था। 

सांसदों को विट्ठलभाई पटेल (वीपी) हाउस में हॉस्टल से लेकर मध्य दिल्ली में दो बेडरूम वाले फ्लैट और बंगले तक आवास मिलता है। उन्हें बिजली, पानी, टेलीफोन और इंटरनेट शुल्क के लिए भी राशि दी जाती है। उन्हें और उनके परिवार को दिल्ली से उनके अपने लोक सभा क्षेत्र तक जाने के लिए 34 वनवे हवाई टिकट भी दिए जाते हैं। रेल यात्रा के दौरान भी उन्हें किराये में छूट मिलती है।

सरकार ने वर्ष 2020 में कोविड महामारी के दौरान एक साल के लिए सांसदों और मंत्रियों के वेतन में 30 फीसदी की कटौती की थी। आयकर अधिनियम 1961 में वर्णित लागत मुद्रास्फीति सूचकांक के आधार पर संसद सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेंशन अधिनियम के तहत दी गई शक्तियों का प्रयोग करते हुए वेतन में वृद्धि की गई है।

पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के अनुसार भारतीय सांसदों को मिलने वाले भत्ते ब्रिटेन और अमेरिका के सांसदों के मुकाबले काफी अलग होते हैं। भारत में जहां सांसदों को रहने के लिए निवास दिया जाता है, वहीं ब्रिटेन में सांसदों को किराये पर घर लेने के लिए भत्ता मिलता है। अमेरिका में इस प्रकार को कोई भत्ता या सुविधा नहीं मिलती। इन देशों में सांसदों को कार्यालय दिया जाता है जबकि भारतीय सांसदों को ऑफिस के लिए जगह नहीं मिलती। 

First Published - March 24, 2025 | 10:30 PM IST

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