facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

भारत दुनिया का सबसे खुश देश, लेकिन जापान इतना उदास क्यों? वजह चौंका देगी!

भारत खुशहाल, जापान मायूस: एक ग्लोबल सर्वे ने दिखाई दो अलग-अलग दुनिया

Last Updated- April 15, 2025 | 11:07 PM IST
Happiness Survey

एक नई ग्लोबल सर्वे रिपोर्ट में सामने आया है कि भारत इस वक्त दुनिया का सबसे खुशहाल देश है। सर्वे के मुताबिक, भारत के 88% लोग खुद को “बहुत खुश” या “काफी खुश” मानते हैं। वहीं जापान इस लिस्ट में लगभग सबसे नीचे है। जापान 30 देशों में से 27वें नंबर पर रहा और वहां सिर्फ 12% लोग ही खुद को बहुत खुश बताते हैं।

इस सर्वे में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई—जापान में सिर्फ 13% लोग अपनी ज़िंदगी से संतुष्ट हैं। ये सभी 30 देशों में सबसे कम है। यहां तक कि हंगरी, जो लिस्ट में दूसरा सबसे नीचे है, वहां भी 22% लोग अपनी लाइफ से संतुष्ट हैं। दूसरी तरफ भारत में 74% लोग कह रहे हैं कि वे अपनी ज़िंदगी से खुश और संतुष्ट हैं।

सर्वे में क्या-क्या पता चला?

यह सर्वे फ्रांस की रिसर्च कंपनी Ipsos ने किया था। इसमें 30 देशों के करीब 24,000 लोगों से बात की गई। रिपोर्ट बताती है कि भारत, कोलंबिया और इंडोनेशिया जैसे विकासशील देशों में लोग ज़्यादा खुश हैं। वहीं जापान जैसे देश एक भावनात्मक और सामाजिक संकट से जूझ रहे हैं।

टोक्यो में टेम्पल यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर हिरोमी मुराकामी का कहना है कि जापान के लोग बहुत निराश महसूस कर रहे हैं। वे कहती हैं, “हमने सालों तक सिर्फ चीज़ों के सस्ते होने का दौर देखा। अब अचानक महंगाई इतनी बढ़ गई है कि लोग संभाल नहीं पा रहे।”

साल 2025 में जापान में महंगाई 12.2% तक पहुंचने की उम्मीद है। लेकिन दिक्कत यह है कि वहां सैलरी नहीं बढ़ रही, जिससे लोगों की आमदनी और खर्च के बीच गैप बढ़ गया है। बुजुर्गों के लिए ये और भी मुश्किल है क्योंकि वे पेंशन पर निर्भर हैं।

युवा भी उम्मीद छोड़ चुके हैं

सबसे हैरानी की बात ये है कि जापान में सिर्फ बुजुर्ग ही नहीं, बल्कि युवा भी बहुत मायूस हैं। मुराकामी बताती हैं कि उनकी एक क्लास में एक 19 साल की लड़की ने कहा, “मेरा तो जीवन तय है—नौकरी करो, घंटों काम करो, टैक्स भरो, पेंशन के लिए पैसे दो और फिर भी कुछ अच्छा नहीं होगा।” वह लड़की चिंता कर रही थी कि जब तक वह रिटायर होगी, तब तक पेंशन सिस्टम ही शायद खत्म हो चुका होगा क्योंकि देश में युवा काम करने वाले लोग कम होते जा रहे हैं।

जापानी युवाओं को अपने नेताओं से कोई उम्मीद नहीं है। वे मानते हैं कि सरकार उनकी परेशानियों को नहीं समझती और न ही कोई बदलाव लाने वाली है। इसी वजह से वे राजनीति से पूरी तरह कटते जा रहे हैं।

सर्वे में यह भी दिखा कि जापान के लोग अपने काम, सेहत, सामाजिक जीवन, मानसिक स्थिति, प्रेम और आध्यात्मिकता—इन सभी चीज़ों से असंतुष्ट हैं। उन्हें जो कुछ थोड़ी राहत देता है, वह है दोस्ती, रहने की जगह और कुछ हद तक पैसे की स्थिति।

जब लोगों से पूछा गया कि उन्हें असली खुशी किस चीज़ से मिलती है, तो सबसे ज़्यादा लोगों ने कहा—“परिवार और बच्चे।” इसके बाद नंबर आया—“प्यार और सराहना महसूस करने” का।

ऑनलाइन भी छलका दर्द

रिपोर्ट के आने के बाद जापानी न्यूज़ साइट्स पर लोगों ने अपने दर्द को खुलकर बताया। किसी ने लिखा, “पैसे बचा भी लो तो टोक्यो में घर नहीं खरीद सकते। पेंशन से बुजुर्गों की ज़िंदगी नहीं चलती। आत्महत्या की दर भी बहुत ज़्यादा है। ये देश लोगों को दुखी बनाने के लिए बना है।”

एक और व्यक्ति ने कहा, “मैं 30 की उम्र के बाद अकेला हूं, शादी नहीं की। मेरी आमदनी भी अच्छी है, लेकिन फिर भी खुशी नहीं मिलती। ये सरकार की नाकामी है।”

कभी-कभी लोग जो है, उसकी कद्र नहीं करते

मुराकामी कहती हैं, “लोगों को इस बात की सराहना करनी चाहिए कि उनके पास जो है, वह भी बहुत है। वे यूक्रेन या हैती में नहीं रह रहे। उनके पास घर है, खाना है, और अगर चाहें तो खुशी पा सकते हैं।”

First Published - April 15, 2025 | 11:07 PM IST

संबंधित पोस्ट