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महाराष्ट्र में बढ़ रही बिजली की मांग, राज्य 2030 तक गैर परंपरागत स्रोतों से पूरा करेगा अपनी आधी ऊर्जा जरुरतें

महाराष्ट्र सरकार ने मात्र ढाई साल में राज्य में 20,000 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजनाओं को मंजूरी दी है। राज्य में 40,000 मेगावाट सौर ऊर्जा की क्षमता है।

Last Updated- October 07, 2024 | 5:32 PM IST
solar

राज्य में बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ऊर्जा के गैर परंपरागत स्त्रोतों को बढ़ावा दे रही है। पिछले ढाई साल में राज्य में 20 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। राज्य में ऊर्जा के गैर परंपरागत स्त्रोतों की योजनाओं पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने कहते हैं कि 20230 तक महाराष्ट्र देश का पहला ऐसा राज्य बन जाएगा जो अपनी बिजली जरूरतों का 50 प्रतिशत गैर-परंपरागत ऊर्जा स्रोतों से पूरा करेगा।

फड़णवीस राज्य के ऊर्जा मंत्री भी हैं। नागपुर एमआईडीसी (महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम) में अवाडा इलेक्ट्रो प्राइवेट लिमिटेड की एक परियोजना के शिलान्यास समारोह में में ऊर्जा मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में काफी बदलाव हो रहे हैं।

महाराष्ट्र सरकार ने मात्र ढाई साल में राज्य में 20,000 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजनाओं को मंजूरी दी है। राज्य में 40,000 मेगावाट सौर ऊर्जा की क्षमता है। अब एक साल में ही सौर पंप भंडारण परियोजना की क्षमता 55,000 मेगावाट हो गई है। इसी तरह पवन और सौर परियोजनाओं की क्षमता करीब 20,000 मेगावाट है।

जिस तरह से महाराष्ट्र सरकार सौर और गैर-पारंपरिक ऊर्जा परियोजनाओं पर काम कर रही है, उसके आधार पर हम कह सकते हैं कि 2030 तक महाराष्ट्र अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं का 50 प्रतिशत गैर-पारंपरिक स्रोतों से उत्पादित करने वाला पहला राज्य बन जाएगा।

अवाडा समूह इस परियोजना में करीब 14,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी और इससे अप्रैल, 2025 तक उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है। इस परियोजना से 5,000 प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है, जिसमें से 51 प्रतिशत रोजगार महिलाओं के लिए होंगे।

इससे पहले अगस्त के महीने में भी देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि हमारी बिजली की मांग जिस तरह से बढ़ रही है उसे पूरा करना एक चुनौती है लेकिन हम इसमें सफल होंगे। उन्होंने आगे कहा कि राज्य को एक ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने में पावर सेक्टर की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। इसलिए हमें गैर परंपरागत स्रोत से पर्याप्त बिजली पैदा करना है।

अवाडा समूह की तरफ से कहा गया कि कंपनी ने 2750 मेगावाट की संयुक्त क्षमता वाली दो अग्रणी पंप स्टोरेज परियोजनाओं (पीएसपी) के विकास के लिए महाराष्ट्र सरकार के जल संसाधन विभाग और अवाडा समूह की सहायक कंपनी अवाडा एक्वा बैटरीज प्राइवेट लिमिटेड के बीच औपचारिक रूप से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और अवाडा समूह के अध्यक्ष विनीत मित्तल की उपस्थिति में यह समझौता किया गया। महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में पुणे और रायगढ़ जिलों में 1500 मेगावाट की पवन फल्यान पीएसपी और कोल्हापुर और रत्नागिरी जिलों में 1250 मेगावाट की कुंभवडे पीएसपी शामिल हैं।

अगले 5-7 वर्षों में लगभग 14,000 करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ, ये परियोजनाएं महाराष्ट्र की ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करने में एक परिवर्तनकारी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।

First Published - October 7, 2024 | 5:28 PM IST

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