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Manipur violence: मणिपुर में शांति के लिए नगालैंड में कैंडल मार्च, अमित शाह ने हिंसा की बदलती प्रकृति पर जताई चिंता

शाह इंफाल घाटी के बाहरी क्षेत्रों में हिंसा के बाद अब जिलों में नागरिकों के बीच अशांति फैलने को लेकर चिंतित

Last Updated- June 26, 2023 | 11:56 AM IST
inflammatory statement and response

Manipur violence: पड़ोसी राज्य मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति की बहाली के लिए प्रार्थना करने के वास्ते रविवार को नगालैंड की राजधानी कोहिमा में कैंडललाइट मार्च निकाला गया, जिसमें सभी वर्गों के लोग शामिल हुए।

यह मार्च नगालैंड बैपटिस्ट चर्च काउंसिल (एनबीसीसी) कन्वेंशन सेंटर में कोहिमा बैपटिस्ट पास्टर्स फेलोशिप द्वारा आयोजित किया गया। हाथों में तख्तियां लिए लोगों ने एक-दूसरे के खिलाफ हिंसा पर आमादा दोनों समुदायों के बीच शांति, स्थिरता, संवेदनशीलता और समझ पैदा करने का संदेश दिया। लोगों ने साथ ही मणिपुर में जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाली के लिए प्रार्थना भी की।

इस बीच मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्वोत्तर के इस राज्य में जातीय हिंसा की बदलती प्रकृति पर चिंता जताई है।

खबरों के अनुसार शाह इंफाल घाटी के बाहरी क्षेत्रों में हिंसा के बाद अब जिलों में नागरिकों के बीच अशांति फैलने को लेकर चिंतित हैं।

रविवार देर रात नयी दिल्ली से लौटने के बाद इंफाल में संवाददाताओं से बातचीत में सिंह ने कहा, “बाहरी क्षेत्रों में गोलीबारी से लेकर घाटी के जिलों में नागरिक असंतोष तक, हिंसा की बदलती प्रकृति अमित शाह जी के लिए चिंता का विषय बन गई है।”

सिंह ने नयी दिल्ली में शाह को मणिपुर के “ताजा हालात” के बारे में जानकारी दी और कहा कि राज्य एवं केंद्र सरकार हिंसा को “काफी हद तक” नियंत्रित करने में सफल साबित हुई हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया, “शाह ने केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आर के रंजन सिंह और राज्य के मंत्री सुशींद्रो मेइती के घरों पर हमले, सरकारी संपत्तियों में आगजनी एवं तोड़फोड़ तथा सुरक्षा बलों की आवाजाही को बाधित किए जाने जैसे मुद्दे उठाए।”

सिंह ने कहा कि उन्होंने गृह मंत्री को मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति की बहाली के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर एक रिपोर्ट सौंपी। मुख्यमंत्री ने कहा, “हिंसा का शुरुआती दौर बेहद संवेदनशील और राजनीति से प्रेरित था, लेकिन अब क्या हो रहा है, हम नहीं कह सकते। स्थिति बहुत अराजक है।”

उन्होंने यह भी कहा कि गृह मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि केंद्र सरकार मणिपुर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए हर संभव कदम उठाएगी।

सिंह ने कहा, “यह सभी हितधारकों, नागरिक निकायों, विधायकों और राजनीतिक दलों के नेताओं के लिए एक साथ बैठने तथा उन पहलुओं की पहचान करने का समय है, जिन पर सभी को काम करना चाहिए।”

शाह और सिंह की मुलाकात मणिपुर के हालात को लेकर नयी दिल्ली में गृह मंत्री की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक के एक दिन बाद हुई। तीन घंटे तक चली इस बैठक में 18 राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, पूर्वोत्तर के चार सांसदों और क्षेत्र के दो राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा लिया था।

गृह मंत्री ने सर्वदलीय बैठक में कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हिंसा प्रभावित राज्य की स्थिति पर पहले दिन से ही नजर रख रहे हैं और समस्या का समाधान खोजने के लिए “पूरी संवेदनशीलता के साथ हमारा मार्गदर्शन” कर रहे हैं।

इंफाल पश्चिम जिले के चिंगमेइरोंग में हिंसा की ताजा घटना

इस बीच, सेना के सूत्रों ने बताया कि मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले के चिंगमेइरोंग में हिंसा की ताजा घटना सामने आई है, जहां अज्ञात उपद्रवियों ने रविवार को आधी रात के बाद एक दुकान में आग लगा दी।

गौरतलब है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच हुए जातीय संघर्ष में अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद मणिपुर में हिंसक झड़पें शुरू हो गई थीं।

पूर्वोत्तर के इस राज्य में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है, जिसमें से ज्यादातर इंफाल घाटी में रहती है, जबकि नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 फीसदी के आसपास है और ये ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

First Published - June 26, 2023 | 11:56 AM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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