facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

संसद का मॉनसून सत्र 21 जुलाई से, 47 दिन पहले सत्र की घोषणा पर मचा बवाल; विपक्ष ने सरकार की मंशा पर उठाए सवाल

रीजिजू ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति ने तारीखों की सिफारिश की है, जिसे सत्र बुलाने के लिए राष्ट्रपति को भेजा जाएगा।

Last Updated- June 04, 2025 | 10:41 PM IST
Monsoon session of Parliament

संसद का मॉनसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा। केंद्रीय मंत्री किरेन रीजिजू ने बुधवार को यह जानकारी दी। रीजिजू ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति ने तारीखों की सिफारिश की है, जिसे सत्र बुलाने के लिए राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ ब्लॉक ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए विशेष सत्र की मांग की है। एक्स पर एक पोस्ट में कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कहा कि आम तौर पर संसद सत्र शुरू होने से कुछ ही दिन पहले इसकी तारीखों की घोषणा की जाती है, लेकिन कभी भी सत्र शुरू होने से 47 दिन पहले इसकी तारीखों की घोषणा नहीं की गई है।

रमेश ने सरकार पर आरोप लगाया कि उसने मॉनसून सत्र की तारीखें बहुत पहले ही घोषित कर दी हैं, ताकि वह विपक्ष द्वारा संसद का विशेष सत्र बुलाने की बार-बार की जा रही मांग से बच सके। विपक्ष विशेष सत्र में पहलगाम हमलों और हत्या करने वाले आतंकवादियों को न्याय के कठघरे में लाने में विफलता, ऑपरेशन सिंदूर के प्रभाव और इसके स्पष्ट राजनीतिकरण, सिंगापुर में सीडीएस (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) के खुलासे, भारत और पाकिस्तान को एक साथ जोड़ना, पाकिस्तान वायुसेना में चीन की भूमिका, मध्यस्थता पर अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के लगातार दावे और हमारी विदेश नीति और कूटनीतिक जुड़ाव की कई विफलताओं पर चर्चा चाहता है।

हालांकि, रीजिजू ने कहा, ‘हमारे लिए हर सत्र एक विशेष सत्र है।’ उन्होंने कहा कि नियमों के तहत सभी महत्त्वपूर्ण मामलों पर मॉनसून सत्र के दौरान चर्चा की जा सकती है। उन्होंने कहा कि दोनों सदनों की कार्य मंत्रणा समिति चर्चा के मुद्दों पर फैसला करेगी। मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने में सभी राजनीतिक दलों को शामिल करने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि न्यायपालिका में भ्रष्टाचार को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जा सकता। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि वर्मा को हटाने के उद्देश्य से की जा रही कवायद सामूहिक प्रयास हो। वर्मा कथित भ्रष्टाचार के मामले में उलझे हुए हैं और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति द्वारा उन्हें दोषी ठहराया गया है। रीजिजू ने कहा कि वह छोटे दलों से संपर्क करेंगे, जबकि सभी प्रमुख दलों को वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की योजना के बारे में पहले ही सूचित कर दिया गया है।

न्यायाधीश (जांच) अधिनियम 1968 के अनुसार, एक बार जब किसी न्यायाधीश को हटाने का प्रस्ताव किसी भी सदन में स्वीकार कर लिया जाता है, तो अध्यक्ष या सभापति उन बिंदुओं की जांच करने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन करेंगे, जिनके आधार पर उन्हें पद से हटाने (यानी महाभियोग) का प्रस्ताव किया गया है। समिति में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई), 25 उच्च न्यायालयों में से एक के मुख्य न्यायाधीश और एक प्रतिष्ठित न्यायविद शामिल होते हैं।

रीजिजू ने कहा कि वर्तमान मामला थोड़ा अलग है क्योंकि तत्कालीन सीजेआई संजीव खन्ना द्वारा गठित एक आंतरिक समिति पहले ही अपनी रिपोर्ट सौंप चुकी है। उन्होंने कहा कि इसलिए इस मामले में क्या करना है, हम इस पर फैसला लेंगे। मंत्री ने कहा कि प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए, लेकिन पहले से की गई जांच को कैसे एकीकृत किया जाए, इस पर निर्णय लेने की आवश्यकता है।

तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने बुधवार को एक्स पर पोस्ट किया कि सरकार विशेष सत्र से भाग रही है। बाद में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की घोषणा विपक्षी दलों द्वारा संसद के विशेष सत्र की मांग को लेकर एक संयुक्त पत्र लिखने के एक दिन बाद की गई है। ओ’ब्रायन ने कहा, ‘टीएमसी ने पिछली घोषणाओं का अध्ययन किया है और आमतौर पर सत्र शुरू होने की तारीख से करीब 20 दिन पहले इसकी घोषणा की जाती है। इस बार उन्होंने 45 दिन पहले इसकी घोषणा कर दी।’

First Published - June 4, 2025 | 10:29 PM IST

संबंधित पोस्ट