Monsoon Update: भारत में इस साल मॉनसून समय से एक हफ्ते से भी ज्यादा पहले पूरे देश पर छा जाएगा। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने मौसम विभाग के दो वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से बताया कि अगले तीन से चार दिनों में मॉनसून पूरे देश में पहुंच जाएगा। इससे खरीफ फसलों की बुआई की रफ्तार तेज होने की उम्मीद है। सामान्यतः हर साल मॉनसून की शुरुआत एक जून के आसपास दक्षिण-पश्चिमी तटीय राज्य केरल से होती है और यह धीरे-धीरे उत्तर की ओर बढ़ते हुए 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है।
भारत की लगभग 4 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए मॉनसून लाइफलाइन की तरह है, क्योंकि देश में करीब 70% बारिश मॉनसून के जरिए ही होती है, जो खेतों की सिंचाई, जलाशयों और अन्य जल स्रोतों जैसे नदियां, तालाब आदि को भरने के लिए जरूरी होती है। भारत की लगभग आधी कृषि भूमि सिंचाई व्यवस्था से नहीं जुड़ी है और वहां फसलों की पैदावार के लिए जून से सितंबर तक होने वाली सालाना बारिश पर निर्भर रहना पड़ता है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, दो हफ्तों तक ठहराव के बाद पिछले हफ्ते मॉनसून ने दोबारा रफ्तार पकड़ी और तेजी से मध्य भारत और अधिकतर उत्तरी राज्यों को कवर कर लिया। IMD द्वारा गुरुवार को जारी एक चार्ट के मुताबिक, देश के लगभग सभी हिस्सों में मॉनसून पहुंच चुका है। सिर्फ उत्तर-पश्चिमी राज्य राजस्थान, पड़ोसी हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में अभी तक बारिश नहीं हुई है।
राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख आर. के. जेनामणि ने कहा कि उत्तर-पश्चिमी राज्यों के कुछ हिस्सों में मॉनसून का आगे बढ़ना जारी है और अगले तीन से चार दिनों में यह शेष बचे क्षेत्रों तक भी पहुंच जाएगा। हालांकि जून के पहले पखवाड़े में बारिश औसत से 31% कम थी। लेकिन अब मॉनसून की रफ्तार बढ़ने से यह घाटा खत्म हो गया है और इस महीने अब तक 9% ज्यादा बारिश हो चुकी है।
एक अन्य मौसम अधिकारी ने कहा कि इस सप्ताह और अगले सप्ताह मध्य और उत्तरी राज्यों में औसत से ज्यादा बारिश होने की संभावना है, जिससे किसानों को खरीफ फसलों की बुआई तेजी से करने में मदद मिलेगी। किसान आमतौर पर मॉनसून की बारिश आने के बाद धान, मक्का, कपास, सोयाबीन और गन्ने जैसी खरीफ फसलों की बुआई शुरू करते हैं।
पिछले महीने जारी IMD के पूर्वानुमान के अनुसार, 2025 में लगातार दूसरे साल देश में औसत से ज्यादा मॉनसून बारिश होने की संभावना है।