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चीन से कुछ अहम कच्चे माल के आयात पर निर्भरता कम करने की जरूरत: NITI Aayog

Last Updated- February 05, 2023 | 5:06 PM IST
NITI Aayog

भारत का ध्यान चीन के साथ कुल व्यापार घाटे पर नहीं होना चाहिए, बल्कि कुछ अहम चीजों के आयात पर निर्भरता कम करने पर होना चाहिए। नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने रविवार को यह बात कही।

बेरी के अनुसार, सक्रिय फार्मास्युटिकल सामग्री (एपीआई) और नवीकरणीय ऊर्जा के लिए आपूर्ति श्रृंखला सहित अहम कच्चे माल की आपूर्ति के लिए अन्य स्रोतों में विविधता लाने की जरूरत है। चीन एपीआई का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है और कई भारतीय कंपनियां विभिन्न दवाओं के उत्पादन के लिए सामग्री के आयात पर निर्भर हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत का ध्यान चीन के साथ व्यापार घाटे पर नहीं होना चाहिए। इसकी जगह कुछ अहम चीजों के लिए चीन पर हमारी निर्भरता कम करने पर होना चाहिए।’’ उनसे पूछा गया था कि चीन के साथ बढ़ते व्यापार घाटे को कम करने के लिए भारत को क्या उपाय करने चाहिए। बेरी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछले सात वर्षों में अमेरिका और चीन जैसी बड़ी शक्तियों ने व्यापार में परस्पर निर्भरता को हथियार के रूप में चुना।

आंकड़ों के अनुसार, भारत और चीन के बीच व्यापार 2022 में 135.98 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर को छू गया। इस दौरान चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा पहली बार 100 अरब डॉलर को पार कर गया। बेरी ने कहा कि चीन के साथ व्यापार घाटे को कम करने के लिए भारत को क्षेत्रवार रणनीति तैयार करनी चाहिए।

First Published - February 5, 2023 | 5:04 PM IST

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