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Packaged water: पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर और मिनरल वॉटर को FSSAI ने किया ‘हाई-रिस्क फूड’ घोषित

इस बदलाव के तहत अब इन प्रोडक्ट की सुरक्षा को लेकर कड़े निरीक्षण और ऑडिट किए जाएंगे।

Last Updated- December 03, 2024 | 9:49 PM IST
Packaged water

भारत की फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (FSSAI) ने पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर और मिनरल वॉटर को ‘हाई-रिस्क फूड’ की कैटेगरी में शामिल कर दिया है। इस बदलाव के तहत अब इन प्रोडक्ट की सुरक्षा को लेकर कड़े निरीक्षण और ऑडिट किए जाएंगे।

क्यों लिया गया यह फैसला?

FSSAI का यह कदम सरकार के अक्टूबर महीने में लिए गए उस फैसले के बाद आया है, जिसमें इन प्रोडक्ट के लिए ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) सर्टिफिकेशन की आवश्यकता को हटा दिया गया था। हालांकि, इस बदलाव के बाद निर्माताओं को कड़े सुरक्षा मानकों का पालन करना होगा।

नई गाइडलाइंस के मुताबिक, पैकेज्ड पानी और मिनरल वॉटर बनाने वाली कंपनियों को लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन से पहले अनिवार्य निरीक्षण पास करना होगा। साथ ही, इन कंपनियों को हर साल FSSAI द्वारा मान्यता प्राप्त थर्ड-पार्टी एजेंसियों से ऑडिट कराना होगा।

उद्योग पर इसका असर

‘हाई-रिस्क फूड’ कैटेगरी में शामिल होने का मतलब यह नहीं है कि ये प्रोडक्ट असुरक्षित हैं। इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। अब इन प्रोडक्ट पर नियमित निरीक्षण और ऑडिट से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि क्वालिटी और सुरक्षा मानकों का पालन हो रहा है।

पैकेज्ड वॉटर उद्योग पहले से ही BIS और FSSAI के दोहरे सर्टिफिकेशन के कारण आने वाली समस्याओं और खर्चों को कम करने की मांग कर रहा था। सरकार ने BIS सर्टिफिकेशन की अनिवार्यता खत्म कर उद्योग के लिए नियमों को सरल बना दिया है, लेकिन साथ ही कड़े सुरक्षा मानक भी लागू कर दिए हैं।

‘हाई-रिस्क फूड’ कैटेगरी में और कौन-कौन से प्रोडक्ट?

FSSAI के अनुसार, ‘हाई-रिस्क फूड’ वे प्रोडक्ट हैं जिनकी नियमित जांच और वार्षिक ऑडिट की आवश्यकता होती है। इस कैटेगरी में शामिल अन्य प्रोडक्ट हैं:

  • डेयरी प्रोडक्ट्स
  • मांस और पोल्ट्री प्रोडक्ट्स
  • मछली और समुद्री खाद्य पदार्थ
  • अंडे और अंडे से बने प्रोडक्ट
  • विशेष पोषणीय उपयोग वाले प्रोडक्ट
  • तैयार भोजन
  • भारतीय मिठाइयां
  • फोर्टिफाइड चावल

इन सभी प्रोडक्ट का निरीक्षण राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के फूड कमीशनर्स द्वारा मॉनिटर किया जाता है।

First Published - December 3, 2024 | 9:49 PM IST

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