facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

‘पर्सनल लॉ’ में बहुविवाह की अनुमति, मुसलमान करा सकते हैं एक से ज्यादा विवाह पंजीकरण: बंबई हाई कोर्ट

दंपति ने अपनी याचिका में प्राधिकारियों को विवाह प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया था।

Last Updated- October 22, 2024 | 3:43 PM IST
Bombay HC

बंबई उच्च न्यायालय ने कहा है कि मुस्लिम पुरुष एक से अधिक विवाह पंजीकृत करा सकते हैं, क्योंकि उनके ‘पर्सनल लॉ’ में बहुविवाह की अनुमति हैं। अदालत ने एक मुस्लिम व्यक्ति और उसकी तीसरी पत्नी की उस याचिका पर यह टिप्पणी की जिसमें उनके विवाह को पंजीकृत करने का प्राधिकारियों को निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया गया था।

न्यायमूर्ति बी पी कोलाबावाला और न्यायमूर्ति सोमशेखर सुंदरेशन की खंडपीठ ने 15 अक्टूबर को ठाणे नगर निगम के उप विवाह पंजीकरण कार्यालय को पिछले साल फरवरी में एक मुस्लिम व्यक्ति द्वारा दायर उस आवेदन पर निर्णय लेने का निर्देश दिया, जिसमें उसने अल्जीरिया की एक महिला के साथ अपनी तीसरी शादी को पंजीकृत किए जाने का अनुरोध किया है।

दंपति ने अपनी याचिका में प्राधिकारियों को विवाह प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया था तथा दावा किया था कि उनका आवेदन इसलिए खारिज कर दिया गया क्योंकि यह पुरुष याचिकाकर्ता की तीसरी शादी है।

प्राधिकारियों ने इस आधार पर विवाह का पंजीकरण करने से इनकार कर दिया कि महाराष्ट्र विवाह ब्यूरो विनियमन एवं विवाह पंजीकरण अधिनियम के तहत विवाह की परिभाषा में केवल एक ही विवाह को शामिल किया गया है, एक से अधिक विवाह को नहीं।

हालांकि, पीठ ने प्राधिकरण के इस इनकार को ‘‘पूरी तरह से गलत धारणा पर आधारित’’ करार दिया और कहा कि अधिनियम में उसे ऐसा कुछ भी नहीं मिला जो किसी मुस्लिम व्यक्ति को तीसरी शादी पंजीकृत कराने से रोकता हो।

अदालत ने कहा, ‘‘मुसलमानों के ‘पर्सनल लॉ’ के तहत उन्हें एक समय में चार विवाह करने का अधिकार है। हम प्राधिकारियों की इस दलील को स्वीकार नहीं कर पा रहे कि महाराष्ट्र विवाह ब्यूरो विनियमन और विवाह पंजीकरण अधिनियम के प्रावधानों के तहत केवल एक विवाह पंजीकृत किया जा सकता है, यहां तक ​​कि मुस्लिम पुरुष के मामले में भी।’’

पीठ ने कहा कि यदि वह प्राधिकारियों की दलील को स्वीकार कर भी ले तो इसका अर्थ यह होगा कि महाराष्ट्र विवाह ब्यूरो विनियमन एवं विवाह पंजीकरण अधिनियम, मुसलमानों के ‘पर्सनल लॉ’ को नकारता है और/या उन्हें विस्थापित कर देता है।

अदालत ने कहा, ‘‘इस अधिनियम में ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे यह संकेत मिले कि मुसलमानों के ‘पर्सनल लॉ’ को इससे बाहर रखा गया है।’’ उसने कहा कि अजीब बात यह है कि इन्हीं प्राधिकारियों ने पुरुष याचिकाकर्ता के दूसरे विवाह को पंजीकृत किया था।

प्राधिकरण ने यह भी दावा किया था कि याचिकाकर्ता दंपति ने कुछ दस्तावेज जमा नहीं किए थे। इसके बाद अदालत ने याचिकाकर्ताओं को दो सप्ताह के भीतर सभी प्रासंगिक दस्तावेज जमा कराने का निर्देश दिया।

अदालत ने आदेश दिया कि एक बार ये दस्तावेज जमा हो जाने के बाद ठाणे नगर निकाय के संबंधित प्राधिकारी याचिकाकर्ताओं की व्यक्तिगत सुनवाई करेंगे और 10 दिन के भीतर विवाह पंजीकरण को मंजूरी देने या इससे इनकार करने का तर्कपूर्ण आदेश पारित करेंगे।

पीठ ने निर्देश दिया कि तब तक महिला याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कदम नहीं उठाया जाना चाहिए। महिला के पासपोर्ट की अवधि इस साल मई में समाप्त हो गई थी।

First Published - October 22, 2024 | 3:43 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट