facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

डेरी उत्पादों के आयात की तैयारी, दुग्ध उत्पादन में ​स्थिरता के कारण आपूर्ति पर बढ़ रहा दबाव

Last Updated- April 06, 2023 | 12:11 AM IST
Amit Shah launches 'White Revolution 2.0' to promote dairy sector अमित शाह ने डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए ‘श्वेत क्रांति 2.0’ की शुरुआत की

लगभग एक दशक के बाद भारत को दुग्ध उत्पादों के आयात पर विचार करना पड़ सकता है। देश में दुग्ध उत्पादन ठहर जाने के कारण आपूर्ति में दिक्कत आ रही है। इसलिए सरकार बाजार में पर्याप्त आपूर्ति सुनि​श्चित करने के लिए जरूरत पड़ने पर आयात की भी सोच सकती है।

पशुपालन एवं डेरी सचिव राजेश कुमार सिंह ने आज कहा कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान दुग्ध उत्पादन नहीं बढ़ा। इसलिए आपूर्ति ठीक करने के लिए सरकार डेरी उत्पादों का आयात भी कर सकती है। भारत ने आखिरी बार 2011 में प्रमुख डेरी उत्पादों का आयात किया था।

समाचार एजेंसी पीटीआई ने सिंह के हवाले से कहा, ‘दक्षिणी राज्यों में इस समय दुग्ध उत्पादन चरम पर रहता है। वहां दूध के स्टॉक का जायजा लेने के बाद जरूरत पड़ने पर सरकार मक्खन और घी जैसे डेरी उत्पादों के आयात की मंजूरी दे सकती है।’

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार देश में 2021-22 में 22.1 करोड़ टन दुग्ध उत्पादन हुआ, जो पिछले वर्ष के 20.8 करोड़ टन से 6.25 फीसदी अधिक है।
पिछले 15 महीनों में देश में दूध की कीमतें 12 से 15 फीसदी बढ़ गई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कीमत बढ़ने का सिलसिला अक्टूबर, 2023 से पहले नहीं रुकेगा। दूध की मुद्रास्फीति सितंबर 2022 में 5.55 फीसदी से बढ़कर फरवरी 2023 में 10.33 फीसदी हो गई है।

सचिव ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में मवेशियों में लंपी त्वचा रोग के कारण देश में दूध का उत्पादन प्रभावित हुआ। उन्होंने कहा कि उत्पादन ​स्थिर रहने के बावजूद इस दौरान घरेलू मांग में 8 से 10 फीसदी की वृद्धि हुई। कोविड महामारी के बाद भी दूध की मांग बढ़ी है।

सिंह ने कहा, ‘देश में दूध की आपूर्ति में कोई रुकावट नहीं है। स्किम्ड मिल्क पाउडर (एसएमपी) का पर्याप्त भंडार है। मगर वसा, मक्खन एवं घी जैसे डेरी उत्पादों का भंडार पिछले साल के मुकाबले कम है।’

सिंह ने जोर देकर कहा कि दक्षिणी राज्यों में दूध के भंडार की स्थिति समझने के बाद जरूरत पड़ी तो सरकार मक्खन और घी जैसे डेरी उत्पादों के आयात के लिए हस्तक्षेप कर सकती है। द​क्षिणी राज्यों में अब दुग्ध उत्पादन का पीक सीजन शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि उत्तर भारत में कमी अपेक्षाकृत कम रहेगी। इस क्षेत्र में पिछले 20 दिनों के दौरान बेमौसम बारिश से तापमान में गिरावट आई है जिससे कम दुग्ध उत्पादन का सीजन आगे टल गया है।

सचिव के अनुसार पिछले साल लंपी त्वचा रोग के कारण 1.89 लाख मवेशियों की मौत होने से उत्पादन प्रभावित हुआ। साथ ही वै​श्विक महामारी के बाद के दौर में दूध की मांग बढ़ी है।

First Published - April 6, 2023 | 12:11 AM IST

संबंधित पोस्ट