facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

कुतुब मीनार और हुमायूं का मकबरा वक्फ संपत्तियां

पुरातत्व विभाग की जानकारी में दिल्ली और कर्नाटक के ऐतिहासिक स्मारक शामिल, अतिक्रमण के 58,898 मामले दर्ज

Last Updated- April 02, 2025 | 11:33 PM IST
Humayun Tomb

दिल्ली स्थित सफदरजंग का मकबरा, पुराना किला, हुमायूं का मकबरा और कुतुब मीनार तथा कर्नाटक में टीपू सुल्तान का मकबरा, औरंगजेब की पत्नी की कब्र तथा गुलबर्गा किला आदि उन 200 से अधिक संरक्षित स्मारकों में शामिल हैं, जिन्हें वक्फ संपत्तियां घोषित किया गया है। यह जानकारी वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) द्वारा दी गई सूची में सामने आई है।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली जेपीसी को बताया है कि 280 संरक्षित स्मारकों को वक्फ संपत्तियों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। हालांकि इस साल फरवरी में संसद में पेश की गई जेपीसी की रिपोर्ट में ऐसे 254 संरक्षित स्मारकों का जिक्र है। आवास और शहरी विकास मंत्रालय के अनुसार यह रिपोर्ट वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 का आधार तैयार करती है। इसे मंगलवार को सदन में रखा गया। मंत्रालय ने जेपीसी को बताया कि भूमि और विकास कार्यालय के तहत 108 संपत्तियां, दिल्ली विकास प्राधिकरण के नियंत्रण वाली 130 संपत्तियां और 123 सार्वजनिक संपत्तियां वक्फ के रूप में घोषित की गई हैं जिन पर पिछले साल सितंबर तक मुकदमा शुरू किया गया।

वक्फ संपत्ति प्रबंधन प्रणाली पोर्टल के अनुसार, उस महीने यानी सितंबर 2024 तक 58,898 संपत्तियों पर अतिक्रमण चिह्नित किया गया था। इस तिथि तक न्यायाधिकरण और अन्य अदालतों में चल रहे 19,207 मामलों में से 5,220 अतिक्रमण और 1,340 अलगाव से संबंधित थे। वक्फ संपत्ति प्रबंधन पोर्टल के ताजा आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष 28 फरवरी तक इन मामलों में कोई तब्दीली नहीं हुई और यह संख्या समान बनी हुई है। यहां अलगाव का अर्थ वक्फ बोर्ड से उचित आधिकारिक प्रक्रिया के बिना ‘वक्फ’ संपत्ति के रूप में नामित भूमि को स्थानांतरित करने, बेचने, उपहार देने, गिरवी रखने अथवा किसी को दे देने से है।

जेपीसी का कहना है कि इन मुकदमों का एक कारण वक्फ संपत्तियों का अस्पष्ट स्वामित्व या उन्हें किसी के नाम कर देना हो सकता है। ऐसा कदम अक्सर उचित दस्तावेजों के बिना दीर्घकालिक उपयोग के आधार पर उठाया जाता है। पंजीकरण के समय इन अतिक्रमित संपत्तियों में सबसे अधिक 42,684 पंजाब वक्फ बोर्ड से संबंधित थीं। लेकिन, अतिक्रमण के सबसे ज्यादा 2461 मामले तेलंगाना राज्य वक्फ बोर्ड से जुड़े हैं।

लेकिन, समिति ने सिफारिश की है कि पहले से ही ‘उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ’ के रूप में पंजीकृत मौजूदा वक्फ संपत्तियों को दोबारा नहीं खोला जाना चाहिए और उन्हें वक्फ संपत्ति के रूप में ही रखा जाना चाहिए। चाहे उनके पास वक्फ डीड हो या न हो, उनकी स्थिति में बदलाव नहीं होना चाहिए। लेकिन इसमें यह शर्त अवश्य जुड़ी होनी चाहिए कि उस संपत्ति पर न तो किसी तरह का विवाद हो और न ही वह सरकार की हो।

First Published - April 2, 2025 | 11:33 PM IST

संबंधित पोस्ट