facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

SC ने रैपिडो, उबर को जारी नोटिस पर अदालत के रोक लगाने के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका पर केंद्र से मांगा जवाब

Last Updated- June 09, 2023 | 2:18 PM IST
Supreme Court

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार की उस याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा, जिसमें उच्च न्यायालय के एक आदेश को चुनौती दी गई है। दरअसल दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने फरवरी 2023 में ओला-उबर और रैपिडो जैसी कैब एग्रीगेटर कंपनियों की बाइक सेवा पर रोक लगा दी थी। सरकार के फैसले के खिलाफ कंपनियों ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।

अदालत ने सरकार के फैसले पर रोक लगाते हुए इन कंपनियों को राहत दे दी। इसके बाद दिल्ली सरकार ने फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील की।

इस मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की अवकाश पीठ ने शुक्रवार को निर्देश दिया कि याचिकाओं की प्रति सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को दी जाए। पीठ ने कहा, ”दोनों याचिकाओं की प्रति सॉलिसिटर जनरल को दी जानी चाहिए, ताकि भारत सरकार के विचारों को संज्ञान में लिया जा सके। मामले को सोमवार को सूचीबद्ध कीजिए।”

दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष वशिष्ठ ने कहा कि अंतिम नीति अधिसूचित होने तक उसके नोटिस पर रोक लगाने का उच्च न्यायालय का फैसला रैपिडो की रिट याचिका को स्वीकार करने जैसा है।

उच्च न्यायालय ने 26 मई को रैपिडो की याचिका पर दिल्ली सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा था कि अंतिम नीति तक बाइक-टैक्सी एग्रीगेटर के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाएगी।

रैपिडो का परिचालन करने वाली वाली रोपेन ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी याचिका में कहा था कि दिल्ली सरकार का आदेश बिना किसी औचित्य के पारित किया गया।

First Published - June 9, 2023 | 2:16 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट