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Monsoon Update: दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने समय से आठ दिन पहले दी दस्तक, केरल में भारी बारिश और तेज हवाओं का कहर

Monsoon Update: गर्मी के मौसम में पड़ने वाली यह शुरुआती बारिश एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए बेहद अहम मानी जाती है।

Last Updated- May 24, 2025 | 2:23 PM IST
Monsoon 2025
Monsoon update

Monsoon Update: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने शनिवार को जानकारी दी कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने इस साल सामान्य समय से आठ दिन पहले ही केरल तट पर दस्तक दे दी है। आमतौर पर मानसून की शुरुआत 1 जून के आस-पास होती है, लेकिन इस बार यह मई के आखिरी हफ्ते में ही पहुंच गया, जिससे देश के कई हिस्सों में झुलसाती गर्मी से राहत मिली है।

गर्मी के मौसम में पड़ने वाली यह शुरुआती बारिश एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए बेहद अहम मानी जाती है। मानसून की बारिश से न केवल खेतों को पानी मिलता है, बल्कि यह देश की कृषि व्यवस्था की रीढ़ भी मानी जाती है। इसकी बदौलत किसान धान, मक्का, कपास, सोयाबीन और गन्ने जैसी फसलें बोते हैं।

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IMD का कहना है कि मानसून अब धीरे-धीरे पूरे देश में फैलेगा और मध्य जुलाई तक अधिकांश हिस्सों को कवर कर लेगा। इससे इस साल बंपर फसल की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा सपोर्ट बन सकती हैं।

गौरतलब है कि इस बार हीटवेव की वजह से उत्तर भारत समेत कई हिस्सों में तापमान रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया था। ऐसे में समय से पहले मानसून की एंट्री ने न केवल किसानों बल्कि आम जनता को भी बड़ी राहत दी है।

केरल में शुक्रवार रात से शनिवार सुबह तक हुई भारी बारिश और तेज हवाओं ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया। राज्य के कई हिस्सों में पेड़ उखड़ गए, बिजली के खंभे गिर गए और सड़कों पर जलभराव की स्थिति पैदा हो गई।

राज्य के राजस्व मंत्री के. राजन ने जानकारी देते हुए बताया कि बारिश का असर सबसे ज़्यादा कोझिकोड के उत्तर, इडुक्की और पठानमथिट्टा जिलों में देखा जा रहा है। इन इलाकों में बारिश की तीव्रता बनी रहने की संभावना है।

मंत्री ने यह भी कहा कि जो तेज हवाएं शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात को चलीं, वे मॉनसून हवाओं जैसी प्रतीत हो रही हैं। इसके चलते कई जगहों पर नुकसान की खबरें आई हैं। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों को प्राथमिकता देते हुए संबंधित विभागों को अलर्ट पर रखा है।

राज्य सरकार स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और नागरिकों से अपील की गई है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और मौसम विभाग की सलाहों का पालन करें।

केरल में मॉनसून का जल्दी या देर से पहुंचना इस बात की गारंटी नहीं है कि देश के अन्य हिस्सों में भी वर्षा उसी अनुरूप होगी। मौसम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मॉनसून की चाल पर बड़े पैमाने की वैरिएबिलिटी (variability) और ग्लोबल, रीजनल व लोकल फैक्टर्स का असर होता है।

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, मॉनसून के आगमन की तारीख और पूरे सीजन में देशभर में हुई कुल वर्षा के बीच कोई डायरेक्ट रिलेशनशिप नहीं होता है।

IMD ने अप्रैल महीने में पूर्वानुमान जारी करते हुए बताया था कि साल 2025 के मॉनसून सीजन में औसत से ज्यादा बारिश होने की संभावना है। साथ ही, विभाग ने यह भी कहा कि इस सीजन में एल नीनो (El Nino) की स्थिति नहीं बनने वाली है। आमतौर पर एल नीनो की वजह से भारतीय उपमहाद्वीप में कम वर्षा होती है।

मंत्री ने भी मॉनसून के दौरान अचानक भारी बारिश की संभावना जताई, जिससे कुछ क्षेत्रों में फ्लैश फ्लड्स (flash floods) और लैंडस्लाइड्स (landslides) जैसी आपदाएं आ सकती हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सभी संबंधित अथॉरिटीज़ इस तरह की सिचुएशन्स से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

राज्य में भारी बारिश की चेतावनी के बीच, मंत्री राजन ने शुक्रवार को जानकारी दी कि सभी ज़िला कलेक्टर्स को मानसून से जुड़ी तैयारियों के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वे आज दिन में सभी ज़िला कलेक्टर्स के साथ एक ऑनलाइन मीटिंग करेंगे, जिसमें हर ज़िले की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की जाएगी।

राजन ने आम जनता से अपील की कि वे भारी बारिश को देखते हुए ज़रूरी सावधानियां बरतें और केवल सुरक्षित जगहों की ही यात्रा करें। उन्होंने कहा कि आपदा की स्थिति में अफवाहों से बचना बेहद ज़रूरी है और सोशल मीडिया पर बिना पुष्टि के कोई भी जानकारी शेयर न करें।

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने शुक्रवार को चेतावनी जारी करते हुए बताया था कि शनिवार को दो ज़िलों — कन्नूर और कासरगोड़ — में red alert घोषित किया गया है, जबकि नौ अन्य ज़िलों में orange alert जारी किया गया है।

IMD के अनुसार, red alert का मतलब है कि अगले 24 घंटों में 20 सेंटीमीटर से ज़्यादा बारिश हो सकती है। Orange alert उस स्थिति में जारी किया जाता है जब बारिश 11 से 20 सेंटीमीटर के बीच होने की संभावना हो, वहीं yellow alert उन इलाकों के लिए होता है जहां 6 से 11 सेंटीमीटर तक भारी बारिश हो सकती है।

First Published - May 24, 2025 | 2:17 PM IST

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