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TDS सिस्टम खत्म करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का दो टूक, सुनवाई से इनकार

SC: पीठ ने कहा कि याचिका “बहुत खराब तरीके से तैयार की गई” है और इसे दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर किया जाना चाहिए।

Last Updated- January 24, 2025 | 12:17 PM IST
Supreme Court
Representative image

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को आयकर अधिनियम के तहत स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) ढांचे को खत्म करने के अनुरोध के साथ दायर की गयी जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया और कहा कि यह “हर जगह” लगाया जाता है।

भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने हालांकि वकील अश्विनी उपाध्याय को उनकी याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर करने की अनुमति दे दी। पीठ ने कहा कि याचिका “बहुत खराब तरीके से तैयार की गई” है और इसे दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर किया जाना चाहिए। सीजेआई ने कहा, “माफ कीजिए, हम इस पर विचार नहीं करेंगे… यह बहुत ही खराब तरीके से तैयार की गयी है।

हालांकि, आप दिल्ली उच्च न्यायालय जा सकते हैं।” उन्होंने कहा कि कई देशों में टीडीएस लगाने की व्यवस्था है। अधिवक्ता अश्विनी दुबे के माध्यम से दायर याचिका में टीडीएस प्रणाली को “मनमाना और तर्कहीन” बताते हुए इसे समाप्त करने का निर्देश दिये जाने का अनुरोध किया गया तथा इसे समानता सहित विभिन्न मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया गया है।

याचिका में आयकर अधिनियम के तहत टीडीएस ढांचे को चुनौती दी गई है, जो भुगतानकर्ता द्वारा भुगतान के समय कर की कटौती और उसे आयकर विभाग में जमा करने को अनिवार्य बनाता है। कटौती की गई राशि को दाता की कर देयता में समायोजित किया जाता है। याचिका में केंद्र, विधि एवं न्याय मंत्रालय, विधि आयोग और नीति आयोग को पक्ष बनाया गया था।

First Published - January 24, 2025 | 12:17 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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