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वक्फ बोर्ड पर केंद्र को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई नियुक्तियों पर रोक

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, "फिलहाल केंद्रीय वक्फ काउंसिल और राज्य बोर्डों में कोई नियुक्ति नहीं की जाए।"

Last Updated- April 17, 2025 | 3:07 PM IST
Supreme Court of India
Representative Image

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि फिलहाल केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों में कोई नई नियुक्ति न की जाए। यह आदेश वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दिया गया।

सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से केंद्र की ओर से प्रारंभिक जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा। उन्होंने कहा, “हमें प्रारंभिक जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया जाए, हम कुछ आवश्यक दस्तावेज भी पेश करेंगे।”

इस पर अदालत ने निर्देश दिया, “इस बीच केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों में कोई नियुक्ति न की जाए।”

याचिकाओं में एक प्रमुख मुद्दा यह था कि संशोधित कानून के तहत गैर-मुस्लिमों को वक्फ परिषदों में नियुक्त किया जा सकता है। इस पर केंद्र ने स्पष्ट किया कि “केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिमों को नियुक्त नहीं किया जाएगा।”

1995 कानून के तहत पंजीकृत वक्फ संपत्तियां सुरक्षित: सुप्रीम कोर्ट

मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने सुनवाई के दौरान कहा कि वक्फ अधिनियम 1995 के तहत पंजीकृत संपत्तियों को किसी भी तरह से नहीं छेड़ा जा सकता। उन्होंने कहा, “यदि कोई वक्फ संपत्ति 1995 के कानून के तहत पंजीकृत है, तो उसे बाधित नहीं किया जा सकता।”

इसके जवाब में केंद्र सरकार ने भरोसा दिलाया कि “वक्फ-बाय-यूजर” पद्धति के तहत चिन्हित या अधिसूचित वक्फ संपत्तियों को भी अगली सुनवाई तक डि-नोटिफाई नहीं किया जाएगा।

वक्फ संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 5 मई को

सुप्रीम कोर्ट वक्फ संशोधन कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अब 5 मई को अगली सुनवाई करेगा। इस दिन केवल अंतरिम आदेशों और निर्देशों पर सुनवाई की जाएगी।

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की गैरमौजूदगी में कार्यवाहक प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कहा, “अगली सुनवाई की तारीख को सिर्फ निर्देशों और अंतरिम आदेशों पर ही बात होगी।”

सुनवाई को अधिक व्यवस्थित बनाने के लिए अदालत ने स्पष्ट किया कि अगली बार से सिर्फ पांच याचिकाकर्ता ही कोर्ट में मौजूद रहेंगे। बाकी याचिकाओं को या तो आवेदन के रूप में माना जाएगा या निपटा हुआ समझा जाएगा।

सीजेआई खन्ना ने यह भी कहा, “अब इस मामले को ‘इन री: वक्फ संशोधन कानून’ के नाम से जाना जाएगा। किसी का नाम अब ज़िक्र में नहीं होगा।”

First Published - April 17, 2025 | 3:06 PM IST

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