facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

बिजली मांग को पूरा करने के लिए पारेषण पर खर्च करने होंगे 4 लाख करोड़ रुपये, CEA ने रिपोर्ट में बताई निवेश की पूरी योजना

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘2022-27 के दौरान देश में अतिरिक्त पारेषण व्यवस्था पर अनुमानित रूप से 4,25,222 करोड़ रुपये खर्च किए जाने की जरूरत होगी।

Last Updated- October 22, 2024 | 9:40 PM IST
Electricity Supply

केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) द्वारा पारेषण पर नवीनतम राष्ट्रीय विद्युत योजना (एनईपी) में कहा गया है कि 2027 तक 277 गीगावॉट (जीडब्ल्यू) की अपेक्षित बिजली मांग को पूरा करने के लिए भारत को बिजली पारेषण संबंधी बुनियादी ढांचे में 4.25 लाख करोड़ रुपये निवेश की जरूरत है। सीईए, बिजली मंत्रालय की तकनीकी शाखा है।

एनईपी दो भागों, उत्पादन और पारेषण में तैयार की गई है। यह बिजली से जुड़े बुनियादी ढांचे की योजना को लेकर मार्गदर्शक रिपोर्ट है। पिछले साल एनईपी-उत्पादन ने एक दशक के लिए स्रोतवार बिजली उत्पादन और मांग की स्थिति के बारे में अनुमान पेश किया था।

बिजली उत्पादन क्षमता योजना और अनुमानित बिजली की मांग के आधार पर एनईपी-पारेषण में 2027-28 तक 1,14,687 सर्किट किलोमीटर पारेषण लाइनें और 7,76,330 एमवीए ट्रांसफॉर्मेशन क्षमता (220 केवी और इससे अधिक वोल्टेज स्तर) बनाने का सुझाव दिया गया है। इसके अलावा इसमें कहा गया है कि 2022-27 के दौरान 1 गीगावॉट एचवीडीसी बाई-पोल क्षमता भी जोड़नी होगी।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘2022-27 के दौरान देश में अतिरिक्त पारेषण व्यवस्था पर अनुमानित रूप से 4,25,222 करोड़ रुपये खर्च किए जाने की जरूरत होगी। इसमें पारेषण लाइनें बिछाना, सब-स्टेशन बनाना, रिएक्टिव कंपेंसेशन आदि शामिल है।’ हाई वोल्टेज डायरेक्ट करेंट (एचवीडीसी) एक ऐसी तकनीक है, जिसके माध्यम से बड़ी मात्रा में बिजली लंबी दूरी तक पहुंचाई जा सकती है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘क्षमता विस्तार की योजना के तहत पारेषण लाइनों और सबस्टेशनों में ट्रांसफॉर्मेशन क्षमता (220 केवी और इससे ऊपर वोल्टेज स्तर) क्रमशः 5,71,403 सर्किट किलोमीटर और 18,47,280 एमवीए होगा। बैक टु बैक क्षमता सहित एचवीसी बाईपोल क्षमता 34.5 गीगावॉट तक बढ़ेगी।’

First Published - October 22, 2024 | 9:40 PM IST

संबंधित पोस्ट