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रक्षा उत्पादन के केंद्र के रूप में उभरेगा उत्तर प्रदेश, अब राज्य में बनेंगी ब्रह्मोस मिसाइलें

रक्षामंत्री ने उत्तर प्रदेश रक्षा गलियारे को देश के रक्षा उत्पादन का केंद्र बनाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम बताया।

Last Updated- May 11, 2025 | 10:53 PM IST

रक्षा बलों की शान समझी जाने वाली ब्रह्मोस मिसाइल अब उत्तर प्रदेश में बनेंगी। ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद चले सैन्य अभियान की धमक के बीच रविवार को लखनऊ में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ब्रह्मोस एरोस्पेस इंटीग्रेशन ऐंड टेस्टिंग फैसिलिटी का वर्चुअल तरीके से उद्घाटन किया। रक्षामंत्री ने उत्तर प्रदेश रक्षा गलियारे को देश के रक्षा उत्पादन का केंद्र बनाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम बताया। यह रक्षा गलियारा लखनऊ, कानपुर, झांसी, चित्रकूट, आगरा और अलीगढ़ से होकर गुजरता है। 

रक्षा मंत्री ने कहा कि रक्षा गलियारे में विमान निर्माण, यूएवी, ड्रोन्स, गोला-बारूद, कंपोजिट सामग्री, छोटे हथियार, टेक्स्टाइल और पैराशूट जैसे क्षेत्रों में बड़ा निवेश किया गया है। लखनऊ में पीटीसी इंडस्ट्रीज द्वारा टाइटेनियम एवं सुपर अलॉय सामग्री संयंत्र की शुरुआत की जा रही है। साथ ही सात अन्य महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं की नींव रखी गई है। अब तक इस गलियारे में 34 हजार करोड़ रुपये के लगभग 180 करार पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं और 4 हजार करोड़ रुपये का निवेश आ चुका है।

रक्षामंत्री ने अपने संबोधन में ऑपरेशन सिंदूर को देश की राजनीतिक, सामाजिक और सामरिक इच्छाशक्ति का प्रतीक बताया और कहा कि सेना ने साहस, संयम और शौर्य का परिचय देते हुए पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर करारा प्रहार किया। रक्षामंत्री ने बताया कि सेना की कार्रवाई सीमा से सटे ठिकानों तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसकी धमक पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय रावलपिंडी तक सुनाई दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह ऑपरेशन केवल सैन्य कार्रवाई नहीं था, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ संकल्प शक्ति का भी प्रदर्शन था। 

राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारी सेना ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ढांचे को नष्ट करने के लिए यह ऑपरेशन चलाया, जिसमें आम नागरिकों को निशाना नहीं बनाया गया। इसके विपरीत पाकिस्तान ने भारत के नागरिक क्षेत्रों, मंदिरों, गुरुद्वारों और गिरजाघरों को निशाना बनाने का प्रयास किया। उन्होंने उरी, पुलवामा और हाल की पहलगाम की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट एयरस्ट्राइक और अब मल्टिपल स्ट्राइक के जरिए आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को स्पष्ट कर दिया है। 

रविवार को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के मौके पर ब्रह्मोस एरोस्पेस इंटीग्रेशन एवं टेस्टिंग फैसिलिटी के उद्घाटन को रक्षामंत्री ने ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि यह दिन 1998 में पोखरण में हुए परमाणु परीक्षण की याद दिलाता है, जब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भारत ने अपनी सामरिक ताकत का प्रदर्शन किया था। 

रक्षामंत्री ने बताया कि ब्रह्मोस एरोस्पेस इंटीग्रेशन ऐंड टेस्टिंग फैसिलिटी परियोजना का शिलान्यास उन्होंने स्वयं किया था और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे मात्र 40 महीनों में पूरा कर दिखाया है। ब्रह्मोस मिसाइल को दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक मिसाइलों में से एक बताते हुए उन्होंने इसे न केवल एक हथियार, बल्कि भारत की सैन्य ताकत, प्रतिरोधक क्षमता और सीमा सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश के अंदर रक्षा गलियारे के 6 नोड विकसित हो रहे हैं। इन पर तेजी से काम चल रहा है। इससे पहले सरकार ने कानपुर में रक्षा सेनाओं  के लिए गोला बारूद के उत्पादन केंद्र का शुभारंभ किया था। अब उसके विस्तार के लिए भी भूमि की मांग हो रही है। लखनऊ में भी ब्रह्मोस को जैसे ही 200 एकड़ भूमि दी गई तो पीटीसी भी यहां पर आया है। पीटीसी ने न केवल ब्रह्मोस के लिए बल्कि एरोस्पेस से जुड़े अनेक कार्यों के लिए एक ​विशाल यूनिट के रूप में उत्पादन कार्य प्रारंभ किया है। 

यह संयंत्र एरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर के लिए उच्च गुणवत्ता वाले सामग्रियों का उत्पादन करेगा, जिनका उपयोग चंद्रयान मिशन और लड़ाकू विमानों में किया जाएगा। यहां ब्रह्मोस से जुड़ी हुई लगभग 7 एंकर यूनिट लग रही हैं। उन्होंने कहा कि 2013-14 में भारत का जो रक्षा उत्पादन था, आज हम उससे कई सौ गुना ज्यादा उत्पादन और निर्यात कर रहे हैं। 

First Published - May 11, 2025 | 10:53 PM IST

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