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उत्तर प्रदेश में फर्जी कंपनियों पर योगी सरकार का बड़ा एक्शन, GST में पारदर्शिता पर जोर

उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 की शानदार शुरुआत के बाद GST चोरी रोकने, फर्जी कंपनियों की जांच और कर संग्रह बढ़ाने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

Last Updated- June 08, 2025 | 3:37 PM IST
Yogi Adityanath
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ | फाइल फोटो

वित्तीय वर्ष 2025-26 के पहले दो महीने में बेहतर राजस्व संग्रह से उत्साहित उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शेल कंपनियों व पंजीकृत फर्जी फर्मों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। उत्तर प्रदेश में वर्ष 2025-26 के लिए 1,75,725 करोड़ रुपये के लक्ष्य के सापेक्ष अप्रैल-मई माह में अब तक 18,161.59 करोड़ रुपये का मूल्य एवं सेवा कर (GST) और वैट का संग्रह हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य कर विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा करते हुए अधिकारियों से कर संग्रह में पारदर्शिता, तकनीकी दक्षता और कड़े प्रवर्तन की नीति अपनाने का निर्देश दिया। उन्होंने शेल कंपनियों और पंजीकृत फर्जी फर्मों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कर चोरी एक राष्ट्रीय अपराध है और इससे राज्य की विकास योजनाओं तथा लोक कल्याणकारी कार्यक्रमों पर प्रतिकूल असर पड़ता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि GST उपभोक्ता आधारित कर प्रणाली है, इसलिए जहां जनसंख्या घनत्व अधिक है, वहां से अपेक्षाकृत अधिक कर प्राप्त होना स्वाभाविक है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि ऐसे जोन जहां कर संग्रह औसत से कम है, वहां विशेष रणनीति बनाकर कार्य किया जाए।

Also Read: प्रयागराज महाकुंभ ने उत्तर प्रदेश सरकार का खजाना भरा, रिपोर्ट में दावा – टैक्स संग्रह में 500 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी

संदिग्ध फर्मों पर कार्रवाई, नई फर्मों का होगा स्थलीय निरीक्षण

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सेंट्रल GST के तहत पंजीकृत संदिग्ध फर्मों की जानकारी केंद्र को भेजी जाए ताकि उनका पंजीकरण निरस्त हो सके। वहीं स्टेट GST के तहत  पंजीकृत फर्मों की विभागीय स्तर पर गहन जांच कर यदि अनियमितता मिले, तो पंजीकरण निरस्त कर एफआईआर दर्ज की जाए। उन्होंने ने सभी नई पंजीकृत फर्मों के स्थलीय निरीक्षण का निर्देश देते हुए कहा कि ऐसा न हो कि कुछ फर्जी कंपनियां ईमानदार करदाताओं के अधिकारों को बाधित करें। इसके दृष्टिगत सभी नई पंजीकृत फर्मों का स्थलीय निरीक्षण आवश्यक है, जिससे वास्तविक फर्म ईमानदारी से अपना कार्य कर सकें।

मुख्यमंत्री ने लखनऊ (दोनों ज़ोन), अयोध्या, बरेली, आगरा, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, झांसी और सहारनपुर सहित लगभग 14 ज़ोन में 60% या उससे अधिक लक्ष्य पूर्ति को सराहनीय बताया। वहीं वाराणसी जोन प्रथम, प्रयागराज, कानपुर द्वितीय, इटावा, अलीगढ़ और मुरादाबाद जैसे ज़ोन में 50 फीसदी  से कम संग्रह को असंतोषजनक बताते हुए तत्काल व्यापक समीक्षा का निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यालय स्तर से कम संग्रह वाले क्षेत्रों की विशेष रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जाए, जिसे शासन फील्ड एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर गहनता से विश्लेषित करेगा। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में संग्रहण की स्थिति कमजोर है, वहां के एडिशनल, ज्वाइंट और डिप्टी कमिश्नर स्तर के अधिकारी स्वयं व्यापारियों से संवाद करें और करदाता समुदाय में विश्वास, सहयोग और अनुपालन की भावना विकसित करें।

First Published - June 8, 2025 | 3:24 PM IST

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