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यूपी में बड़े स्तर पर लॉजिस्टिक्स क्लस्टर्स की तैयारी, निवेशकों के लिए खुलेंगे नए द्वार

UP: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों पर प्रदेश सरकार ने इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग एंड लॉजिस्टिक्स क्लस्टर्स (आईएमएलसी) की परियोजना पर काम शुरू कर दिया है।

Last Updated- July 03, 2025 | 2:11 PM IST
Yogi Adityanath
UP CM Yogi Adityanath

उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेस वे के किनारे मैन्युफैक्चरिंग एवं लॉजिस्टिक्स क्लस्टर विकसित किए जाएंगे। योगी सरकार ने विभिन्न एक्सप्रेस वेज के किनारे 26 जिलों में 27 क्लस्टर्स पर काम शुरु किया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों पर प्रदेश सरकार ने इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग एंड लॉजिस्टिक्स क्लस्टर्स (आईएमएलसी) की परियोजना पर काम शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) द्वारा राज्य के 26 जिलों में 27 आईएमएलसी विकसित किए जा रहे हैं।  इन क्लस्टर्स में निवेश के लिए देश-विदेश के उद्योगपतियों और डेवलपर्स को आमंत्रित किया जा रहा है। यूपीडा ने इन आईएमएलसी में रक्षा उद्योग, भारी विनिर्माण इकाइयों और लॉजिस्टिक्स कंपनियों के लिए विशेष रूप से अनुकूल भूखंड उपलब्ध कराए हैं। साथ ही, निजी सार्वजनिक सहभागिता (पीपीपी) के आधार पर इंडस्ट्रियल पार्क्स के विकास हेतु एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) और भू-आवंटन के लिए भी आवेदन मांगे गए हैं।

यह भी पढ़ें: एक साथ 4-5 स्टार्टअप्स में कर रहा था नौकरी, फर्जी डिग्री और झूठे वादों से कैसे बनाया CEO’s को शिकार?

औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इन लॉजिस्टिक्स क्लस्टर्स की सबसे बड़ी खासियत है इनकी रणनीतिक अवस्थिति है। सभी आईएमएलसी नोड्स प्रमुख एक्सप्रेसवेज के किनारे स्थित हैं और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) से एक किमी के दायरे में आते हैं। इससे न केवल प्रदेश के अंदर बल्कि देश के अन्य औद्योगिक क्षेत्रों से त्वरित और सुगम संपर्क सुनिश्चित होगा। प्रमुख कनेक्टिविटी लाभ में एक्सप्रेसवे से प्रत्यक्ष जुड़ाव, रेलवे और हवाई संपर्क की सुविधा, ईस्टर्न और वेस्टर्न डीएफसी तक आसान पहुंच और मल्टी सिटी कनेक्टिविटी के लिए उपयुक्त नेटवर्क शामिल है।  प्रत्येक आईएमएलसी नोड में आधुनिक और समर्पित बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। इनमें चौड़ी आंतरिक सड़कों का निर्माण, 24×7 विद्युत आपूर्ति व्यवस्था, आंतरिक स्ट्रीट लाइटिंग, डेडिकेटेड जल आपूर्ति एवं जल निकासी प्रणाली, पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त हरित क्षेत्र, पारदर्शी ऑनलाइन भू-आवंटन प्रणाली और निवेशकों के लिए केंद्रीकृत सेवाएं सम्मिलित हैं।

अधिकारियों ने बताया कि आईएमएलसी के विकास से राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में संतुलित औद्योगिक विस्तार होगा। इससे उन जिलों को भी मुख्यधारा से जोड़ा जा सकेगा जो अब तक औद्योगिक विकास में पिछड़े हुए थे। साथ ही, इन क्लस्टर्स के माध्यम से लाखों लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा सकेंगे। इस पहल के माध्यम से सरकार का लक्ष्य है कि क्षेत्रीय प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिले और शहरी केंद्रों के पास उद्योगों को कुशल श्रम बल सुलभ हो। इसके साथ ही, लॉजिस्टिक और सप्लाई चेन नेटवर्क अधिक सक्षम बनाना भी मुख्य उद्देश्य है। आईएमएलसी परियोजना, डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, मेगा फूड पार्क्स, मेडिकल डिवाइसेज पार्क और टेक्सटाइल हब जैसी योजनाओं से प्रदेश में निवेशकों की उपस्थिति बढ़ेगी।

First Published - July 3, 2025 | 2:11 PM IST

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