facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

OTT Regulation: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा- अश्लील कंटेट को नियंत्रित करने के लिए उठाए कदम

अदालत ने केंद्र के अलावा नेटफ्लिक्स, एमेजॉन प्राइम, ऑल्टबालाजी, उलू डिजिटल, मूबी जैसे ओटीटी मंचों और एक्स कॉर्प, गूगल, मेटा इंक और ऐपल जैसे सोशल मीडिया मंचों से भी जवाब मांगा

Last Updated- April 28, 2025 | 11:12 PM IST
Supreme Court
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार को ओटीटी प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्री  को नियंत्रित करने के लिए कुछ नियमन तैयार करने जैसे उपाय करने होंगे। इसके जवाब में केंद्र ने अदालत को बताया कि कुछ और नियम बनाने पर विचार किया जा रहा है।

अदालत ने केंद्र के अलावा नेटफ्लिक्स, एमेजॉन प्राइम, ऑल्टबालाजी, उलू डिजिटल, मूबी जैसे ओटीटी मंचों और एक्स कॉर्प, गूगल, मेटा इंक और ऐपल जैसे सोशल मीडिया मंचों से भी जवाब मांगा है। यह टिप्पणी, ओटीटी मंचों और सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्री के नियमन की मांग करने वाली जनहित याचिका के संबंध में थी। न्यायमूर्ति बी आर गवई और एजी मसीह के पीठ ने टिप्पणी की कि याचिका में इस मुद्दे को बेहद चिंताजनक तरीके से उठाया गया है और इसे इसी तरह की अन्य लंबित याचिकाओं के साथ जोड़ा गया है। याचिकाकर्ताओं  की ओर से पेश हुए अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने अदालत को बताया कि सोशल मीडिया पर सामग्री बिना किसी नियमन या जांच के मौजूद है।

First Published - April 28, 2025 | 10:39 PM IST

संबंधित पोस्ट