facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

Lok Sabha Speaker: बिरला बने अध्यक्ष, आपातकाल पर हंगामा

Lok Sabha Speaker: विपक्ष ने मत विभाजन पर नहीं दिया जोर, ध्वनिमत से बिरला के नाम का प्रस्ताव पारित

Last Updated- June 26, 2024 | 11:01 PM IST
Om Birla

सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) उम्मीदवार ओम बिरला लगातार दूसरी बार लोक सभा अध्यक्ष चुने गए हैं। विपक्ष ने लोक सभा अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस सांसद कोडिकुन्नील सुरेश को अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन सदन में मत-विभाजन कराने पर जोर नहीं दिया। इसके बाद कार्यवाहक अध्यक्ष भर्तृहरि महताब ने ध्वनिमत से लोक सभा अध्यक्षा बनने के लिए बिरला के नाम का ऐलान कर दिया।

चुनावी प्रक्रिया पूरी होने के बाद विपक्ष के नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्षी सदस्यों ने ओम बिरला को बधाई दी और साथ ही उन्हें संविधान का सम्मान करने एवं उन्हें सदन में आम जनता की आवाज उठाने की इजाजत देने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि पिछली लोक सभा में बड़े पैमाने पर विपक्षी सांसदों का निलंबन गैर-जरूरी था।

इस दौरान बिरला सदन में अग्रिम पंक्ति में बैठे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिरला के पास जाकर उन्हें बधाई दी। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बिरला को बधाई दी और प्रधानमंत्री मोदी से भी हाथ मिलाया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू, बिरला को अध्यक्षीय आसन तक लेकर गए।

लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि सभी सदस्यों को संसदीय परंपराओं के अनुरूप सामूहिक रूप से राष्ट्रहित के लिए काम करना चाहिए तथा सड़क और संसद में विरोध के अंतर को समझते हुए सहमति-असहमति व्यक्त करनी चाहिए।

हम सबका दायित्व है कि जनता की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए हम सामूहिक प्रयास करें, लेकिन सदन में उस समय हंगामा हो गया जब बिरला ने 25 जून 1975 में कांग्रेस सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल की लोक सभा में निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पढ़ा और कहा कि वह कालखंड काले अध्याय के रूप में दर्ज है ‘जब देश में तानाशाही थोप दी गई थी, लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचला गया था और अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंट दिया गया था।’

इसी के साथ सदन में दो मिनट का मौन रखने को कहा। इस प्रस्ताव का विपक्षी सदस्यों ने सदन में जोरदार विरोध किया, जिसके चलते सदन की कार्यवाही रोकनी पड़ी। सदन के बाहर भाजपा सदस्यों ने आपातकाल लागू करने के लिए कांग्रेस से माफी की मांग की।

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बिरला को बधाई देते हुए कहा, ‘मैं पूरे विपक्ष एवं ‘इंडिया’ गठबंधन की ओर से आपको बधाई देना चाहता हूं। अध्यक्ष महोदय, यह सदन भारत के लोगों की आवाज का प्रतिनिधित्व करता है और आप उस आवाज के संरक्षक हैं। निस्संदेह, सरकार के पास सत्ता की शक्ति है, लेकिन विपक्ष भी भारत के लोगों की आवाज का प्रतिनिधित्व करता है। विपक्ष सदन चलाने में पूरा सहयोग करेगा, लेकिन यह भी जरूरी है कि विपक्ष को सदन के अंदर लोगों की आवाज उठाने का मौका मिले।’

अन्य विपक्षी नेताओं ने कहा कि वे लोक सभा के उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए सरकार और लोक सभा अध्यक्ष पर दबाव बनाएंगे। नियमों के मुताबिक लोक सभा अध्यक्ष ही उपाध्यक्ष के चुनाव की तारीख तय करते हैं। वर्ष 1952 के बाद 17वीं लोक सभा ऐसी थी जिसमें कोई लोक सभा उपाध्यक्ष नहीं था। विपक्ष लगातार मांग करता रहा है कि सरकार परंपरा का सम्मान करते हुए लोक सभा उपाध्यक्ष के पद पर किसी विपक्षी सांसद को बैठाए।

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बिरला को बधाई दी और उम्मीद जताई कि उनका ‘अंकुश’ विपक्ष के साथ-साथ सत्तापक्ष पर भी रहेगा तथा निष्कासन जैसी कार्रवाई नहीं होगी। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अध्यक्ष संविधान और संसद के संरक्षक होते हैं और उनसे गुजारिश है कि वह छोटी पार्टियों को भी ज्यादा मौका देंगे।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के अमराराम, विदुतलाई चिरूतईगल काची (वीसीके) के टी. तिरुमावलवन और आम आदमी पार्टी के राजकुमार चब्बेवाल ने भी बिरला को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। आजाद समाज पार्टी (कांशी राम) के नवनिर्वाचित सदस्य चंद्रशेखर ने कहा कि उन्हें आशा है कि उन्हें वंचितों की आवाज उठाने का पर्याप्त मौका मिलेगा। (साथ में एजेंसियां)

First Published - June 26, 2024 | 10:30 PM IST

संबंधित पोस्ट