facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध के लिए फिर से विधेयक पारित होने पर राज्यपाल को मंजूरी देनी होगी: मंत्री

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, उच्च न्यायालय ने यह स्पष्ट कर दिया था कि तमिलनाडु सरकार के पास ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बनाने की क्षमता है

Last Updated- March 09, 2023 | 3:52 PM IST
online gambling

तमिलनाडु के कानून मंत्री एस. रघुपति ने बृहस्पतिवार को कहा कि मद्रास उच्च न्यायालय ने 2021 के अपने फैसले में कहा था कि सरकार ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक नया कानून बना सकती है और इससे यह स्पष्ट हो गया कि राज्य विधानसभा ऑनलाइन रम्मी पर प्रतिबंध लगाने के लिए विधेयक पारित करने के वास्ते सक्षम है।

रघुपति ने हवाई अड्डे पर पत्रकारों से कहा कि उच्च न्यायालय ने तीन अगस्त, 2021 को ‘तमिलनाडु गेमिंग और पुलिस कानून (संशोधन) अधिनियम 2021’ के प्रावधानों को रद्द कर दिया था, जो अन्य कारणों से साइबर क्षेत्र में दांव या बाजी लगाने पर प्रतिबंध लगाता है, न कि विधायिका की क्षमता के आधार पर।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, उच्च न्यायालय ने यह स्पष्ट कर दिया था कि तमिलनाडु सरकार के पास ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बनाने की क्षमता है।’’

राज्यपाल आर.एन. रवि ने विधानसभा द्वारा 19 अक्टूबर, 2022 को पारित ‘तमिलनाडु ऑनलाइन जुए का निषेध और ऑनलाइन गेम का नियमन विधेयक’ को यह कहते हुए विधानसभा को लौटा दिया था कि राज्य की विधायिका के पास ‘विधायी क्षमता का अभाव’ है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह स्पष्ट नहीं है कि राज्यपाल ने विधेयक क्यों लौटाया है। विधेयक वापस भेजने के लिए राज्यपाल रवि द्वारा दिये गये कारणों की मुख्यमंत्री एम के स्टालिन द्वारा पड़ताल की जाएगी।’’

उन्होंने कहा कि जब विधानसभा में विधेयक को फिर से पारित किया जाता है तो राज्यपाल अपनी मंजूरी देने के लिए बाध्य होते हैं।

मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा तीन अगस्त, 2021 को ‘तमिलनाडु गेमिंग और पुलिस कानून (संशोधन) अधिनियम 2021’ के प्रावधानों को रद्द कर दिया गया था।

उच्च न्यायालय द्वारा इस तरह के प्रावधानों को संविधान के अधिकारातीत के रूप में रखा गया था। अदालत ने कहा था कि सट्टेबाजी और जुए के क्षेत्र में संवैधानिक मर्यादा के अनुरूप सरकार उचित कानून पारित कर सकती है।

विधेयक के पारित होने के बाद, इसे राज्यपाल की सहमति के लिए राजभवन भेजा गया था और सरकार ने बार-बार राज्यपाल रवि से इसे मंजूरी देने का आग्रह किया था।

First Published - March 9, 2023 | 3:45 PM IST

संबंधित पोस्ट