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White Paper: ‘श्वेत पत्र’ क्या है? जानिए चुनाव के पहले क्यों लाई मोदी सरकार

White Paper vs Black Paper: श्वेत पत्र के जवाब में कांग्रेस ने ब्लैक पेपर लेकर आई है।

Last Updated- February 09, 2024 | 11:40 PM IST
Loksabha

8 फरवरी को श्वेत पत्र पेश होने के बाद मौजूदा बजट सत्र के दौरान संसद में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। 1 फरवरी को अपने बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित यह पेपर पिछली यूपीए सरकार की विफलताओं पर केंद्रित है।

श्वेत पत्र के बारे में क्या बोलीं वित्त मंत्री?

अपने बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार आने से पहले देश आर्थिक संकट में था, जिसके लिए उन्होंने यूपीए सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में मोदी सरकार की कड़ी मेहनत पर प्रकाश डाला।

क्या है श्वेत पत्र?

श्वेत पत्र एक विस्तृत रिपोर्ट है जिसके जरिए यूपीए और एनडीए दोनों सरकारों की उपलब्धियों और कार्यों की तुलना की जाएगी। इसके जरिए मौजूदा सरकार अपने किए गए अच्छे कामों के बारे में भी बताएगी और इसका उपयोग सरकारी उपलब्धियों और पहलों को साझा करने के लिए किया जाता है। श्वेत पत्र अक्सर विभिन्न रंगों में वितरित किये जाते हैं।

कौन जारी करता है श्वेत पत्र?

श्वेत पत्र ऐसे दस्तावेज़ हैं जिनका उपयोग सरकारों, कंपनियों या संगठनों द्वारा कुछ विषयों पर अपनी राय शेयर करने के लिए किया जाता है। कंपनियां अक्सर अपने प्रोडक्ट और ग्राहकों के बारे में विस्तृत जानकारी देने के लिए इनका उपयोग करती हैं। श्वेत पत्र का कॉन्सैप्ट 1922 में ब्रिटेन में शुरू हुआ था।

श्वेत पत्र के जवाब में कांग्रेस लाई ब्लैक पेपर

श्वेत पत्र के जवाब में कांग्रेस ने ब्लैक पेपर लेकर आई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ब्लैक पेपर प्रस्तुत किया, जिसमें लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने के लिए भाजपा की आलोचना की गई और नौकरियों, बेरोजगारी और बढ़ती कीमतों जैसे विषयों पर चर्चा की गई।

First Published - February 9, 2024 | 11:40 PM IST

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