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BFSI Summit 2024: एनबीएफसी को चिंता करने की जरूरत नहीं- आरबीआई गवर्नर दास

गवर्नर शक्तिकांत दास ने साफ किया कि नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) पर हालिया कार्रवाई केंद्रीय बैंक का "सुधारात्मक" रुख दर्शाती है, न कि दंडात्मक।

Last Updated- November 06, 2024 | 12:43 PM IST
Our action against NBFCs not punitive but corrective: RBI Guv at BS BFSI NBFC के ​खिलाफ हमारी कार्रवाई कोई सजा नहीं
RBI Governor Das at BFSI Summit 2024

BFSI Summit 2024: बिजनेस स्टैंडर्ड का बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस (BFSI) इनसाइट समिट का आयोजन मुंबई के जियो वर्ल्ड सेंटर में हो रहा है। यह देश के सबसे बड़े फाइनेंशियल सेक्टर इवेंट में से एक है। इस बार इसका फॉर्मेट बड़ा किया गया है। इस समिट में 100 से ज्यादा इंडस्ट्री लीडर पैनल डिस्कशन, फायरसाइड चैट्स और कीनोट स्पीच जैसे सेशन्स में शामिल होंगे। BFSI इनसाइट समिट के उद्घाटन के बाद भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास विभिन्न मुद्दों पर अनौपचारिक चर्चा में शिरकत की। दास को लगातार दूसरे साल शीर्ष केंद्रीय बैंकर का पुरस्कार मिला है।

BFSI इनसाइट समिट में फायरसाइड चैट में दास ने कहा कि BFSI इवेंट विभिन्न फोरम्स में एक लैंडमार्क इवेंट बन गया है।

आइए, जानते हैं BFSI इनसाइट समिट में क्या बोले आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास-

एनबीएफसी को चिंता करने की जरूरत नहीं- दास

बिजनेस स्टैंडर्ड के कंसल्टिंग एडिटर तमल बंदोपाध्याय से बातचीत के दौरान, गवर्नर शक्तिकांत दास ने साफ किया कि नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) पर हालिया कार्रवाई केंद्रीय बैंक का “सुधारात्मक” रुख दर्शाती है, न कि दंडात्मक। उन्होंने बताया कि भारत में मौजूद 9,400 NBFCs में से केवल चार के खिलाफ ही कार्रवाई की गई, जो दर्शाता है कि RBI की रोकथाम हस्तक्षेप से ज्यादा है।

दास ने बताया कि एनबीएफसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ये कदम कई महीनों से एजेंसियों के साथ “बाइलेटरल इंटरैक्शन” के बाद उठाए गए हैं।
उन्होंने कहा, “इंडियन फाइनेंशियल सेक्टर किसी भी तरह के स्पिलओवर से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।”

दास ने कहा, “अगर कंप्लायंस 100 प्रतिशत या इसके करीब है और हमें भरोसा है कि बाकी सुधार अगले कुछ हफ्तों या महीनों में पूरे हो जाएंगे, तो हम रेस्ट्रिक्शंस हटा देंगे।”

बैंकों को अपने अनसिक्योर्ड लोन के उपयोग पर ध्यान देना चाहिए: गवर्नर दास

गवर्नर दास ने BFSI इनसाइट समिट में कहा, “हमारा दृष्टिकोण काफी सूक्ष्म और संतुलित होता है। यह केवल क्रेडिट ग्रोथ के उच्च या निम्न होने पर निर्भर नहीं करता, बल्कि हर बैंक की मौजूदा स्थिति के अनुसार होता है। हम हमेशा कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं की निगरानी करते हैं, जैसे कि अंडरराइटिंग मानक क्या हैं और देनदारियों का स्वरूप कैसा है। जब भी हमें कोई असंतुलन दिखता है, तो हम बैंकिंग संस्थान के साथ मिलकर सुधारात्मक कदम उठाने का सुझाव देते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “यह आवश्यक है कि बैंक स्वयं इस बात पर ध्यान दें कि वे जो अनसिक्योर्ड लोन दे रहे हैं, उसका सही और उपयुक्त उपयोग हो।”

मिश्रित आंकड़े, लेकिन सकारात्मक पक्ष अधिक मजबूत- दास

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, “पिछले साल मैंने कहा था कि विकास दर लगभग 7 प्रतिशत होगी। आखिरकार यह उससे भी आगे बढ़ी और 8 प्रतिशत तक पहुंच गई। ग्रोथ के मामले में, आईएमएफ ने भारत के लिए 7% ग्रोथ का अनुमान दिया है, जबकि हमारा अनुमान 7.2% है। आईएमएफ देश के आकलन के लिए सबसे उपयुक्त है। जो डेटा आ रहा है, वह अब मिला-जुला है। जो फास्ट मूविंग इंडिकेटर्स हम मॉनिटर करते हैं, उनमें से केवल IIP और शहरी क्षेत्र में FMCG सेल्स में ही काफी गिरावट देखने को मिल रही है।”

आरबीआई के पास लाभ-हानि खाता नहीं है: गवर्नर दास

गवर्नर दास ने कहा, “अगर आप वार्षिक रिपोर्ट देखेंगे, तो यह साफ है कि अतिरिक्त आय कहां से आई है। इसका मुख्य कारण यह है कि इस बार आकस्मिकता फंड में प्रोविजनिंग की जरूरत काफी कम थी।” साथ ही उन्होंने कहा, “हमारी पूरी आय विदेशी मुद्रा संपत्तियों से थी। एक्सचेंज रेट में उतार-चढ़ाव ने भी इसमें भूमिका निभाई।”

First Published - November 6, 2024 | 12:38 PM IST

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