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Maldives पहुंचे 14 गुना ज्यादा चीनी पर्यटक, संख्या के लिहाज से चीन तीसरे स्थान पर, भारतीयों की घटी हिस्सेदारी

भारतीय पर्यटक मालदीव को नजरअंदाज कर रहे हैं और थाईलैंड, बाली, मलेशिया, वियतनाम, अल्माटी, बाकू और यहां तक कि त्बिलिसी जैसे वैकल्पिक स्थानों पर भी विचार कर रहे हैं।

Last Updated- January 10, 2024 | 10:53 PM IST
Maldives- मालदीव

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने मंगलवार को चीन से उनके देश में अधिक पर्यटकों को भेजने के प्रयासों को तेज करने का आग्रह किया लेकिन हकीकत यह है कि वहां पहले से ही चीन के पर्यटकों की तादाद में तेजी देखी जा रही है।

राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी पहली चीन की यात्रा के दौरान उन्होंने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब मालदीव के तीन उप मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी की।

मुइज्जू की सरकार ने सोशल मीडिया पर मोदी के खिलाफ अपमानजनक पोस्ट के लिए तीन उप मंत्रियों को निलंबित कर दिया है लेकिन मालदीव सरकार ने टिप्पणी के लिए माफी मांगने को लेकर कोई बयान नहीं दिया है।

ऐसे में भारत में इसको लेकर बड़ा विरोध हो रहा है और कई लोग मालदीव की यात्रा पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन जनवरी के पहले 9 दिनों के आंकड़ों को देखें तो भारत से मालदीव जाने वाले पर्यटकों की संख्या पिछले साल इसी अवधि के दौरान लगभग समान स्तर पर रही है।

मालदीव के पर्यटन मंत्रालय के आंकड़े के मुताबिक वर्ष 2022 में मालदीव में पर्यटक भेजने वाले देशों की सूची में चीन का स्थान 27वां था। वहीं इस लिहाज से भारत शीर्ष पर था जिसकी कुल पर्यटकों में हिस्सेदारी 14.4 प्रतिशत थी। इसके बाद रूस (12.1 प्रतिशत) और ब्रिटेन (10.7 प्रतिशत) का स्थान था।

लेकिन वर्ष 2023 में चीन के पर्यटकों की तादाद बढ़कर तीसरे स्थान पर पहुंच गई और इस देश के पर्यटकों की संख्या भारत और रूस के पर्यटकों से थोड़ी ही कम है। ऐसे में चीन के पर्यटकों की संख्या, जल्द ही शीर्ष स्थान पर भी पहुंच सकती है।

मालदीव जाने वाले चीन के पर्यटकों की संख्या 1,87,118 है जो इस देश में जाने वाले कुल पर्यटकों की तादाद का करीब 10 प्रतिशत तक है और यह मालदीव जाने वाले 2,03,198 भारतीय पर्यटकों (11.1 फीसदी) की संख्या के करीब ही है।

पर्यटकों की संख्या के आधार पर रूस दूसरे पायदान पर

पर्यटकों की संख्या के आधार पर रूस दूसरे पायदान पर है और यह पिछले साल भारत के महज 52 पर्यटकों से पीछे रहा। मालदीव के पर्यटन मंत्रालय के आंकड़े के मुताबिक भारत से आने वाले पर्यटकों की संख्या वर्ष 2022 की तुलना में चालू वर्ष 2023 में करीब 13 प्रतिशत घट गई है, वहीं चीन के पर्यटकों की संख्या समान अवधि के दौरान 13-14 गुना तक बढ़ गई है।

वर्ष 2022 में कोरोना से जुड़ी सख्त पाबंदियों की वजह से जनवरी से नवंबर के बीच महज 12,000 चीनी पर्यटक मालदीव आए थे। लेकिन पाबंदियां हटने के बाद से चीन के पर्यटकों की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ी है।

प्रधानमंत्री मोदी पर विवादास्पद टिप्पणी के बावजूद, वर्ष 2024 के जनवरी महीने के पहले 9 दिनों में भारतीय पर्यटकों की संख्या 3791 है जो वर्ष 2024 के अब तक के कुल पर्यटकों की संख्या का 7.4 फीसदी तक है।

दिलचस्प बात यह है कि यह संख्या पिछले साल की समान अवधि के लगभग बराबर ही है जब भारत से 3356 पर्यटक यहां आए थे और कुल पर्यटकों की यह हिस्सेदारी करीब 7.4 फीसदी तक थी।

जनवरी महीने में मालदीव के आकर्षक तटों पर यूरोप के पर्यटकों की अच्छी-खासी तादाद देखी जाती है क्योंकि वे ठंड से बचने के लिए गर्म मौसम वाले जगह की तलाश में यहां आते हैं। यही कारण है कि साल के पहले 9 दिनों में रूस, इटली और ब्रिटेन के पर्यटकों की तादाद कुल पर्यटकों में करीब 26 फीसदी देखी गई।

पर्यटन उद्योग में चिंता बढ़ी

लेकिन पर्यटन उद्योग में चिंता बढ़ी है। ट्रैवल एजेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के सचिव और उपाध्यक्ष अनिल कलसी का कहना है, ‘जिन यात्रियों ने पहले से बुकिंग कर ली है और इसके लिए अग्रिम भुगतान भी कर दिया है तब कम समय बचे रहने पर ज्यादातर पैसे गंवाने ही पड़ते हैं।

कई पर्यटक यह भी सोच रहे हैं कि अगर जमीनी स्थिति चिंताजनक नहीं है तब वे पहले की गई बुकिंग वाली अपनी योजना को रद्द नहीं करने का मन बना रहे हैं। हालांकि, भविष्य की बुकिंग में कमी देखी जा रही है क्योंकि राष्ट्रीय भावना भी निर्णय लेते समय एक प्रमुख कारक होता है।’

कलसी का कहना है कि कई भारतीय पर्यटक मालदीव को नजरअंदाज कर रहे हैं और थाईलैंड, बाली, मलेशिया, वियतनाम, अल्माटी, बाकू और यहां तक कि त्बिलिसी जैसे वैकल्पिक स्थानों पर भी विचार कर रहे हैं।

First Published - January 10, 2024 | 10:46 PM IST

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