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Core Sector Growth: मार्च में प्रमुख बुनियादी ढांचा उद्योगों की वृद्धि घटकर 5.2% रही

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में 8 प्रमुख उद्योगों की हिस्सेदारी 40.27 प्रतिशत है। इस तरह से इनका सूचकांक पर उल्लेखनीय असर होता है।

Last Updated- April 30, 2024 | 9:37 PM IST
जून में नरम पड़ी प्रमुख बुनियादी उद्योगों की ग्रोथ रेट, घटकर 4 प्रतिशत पर आई, Core Sector Growth: Growth rate of major basic industries slowed down in June, came down to 4 percent

देश के 8 प्रमुख बुनियादी ढांचा उद्योगों की वृद्धि दर मार्च में घटकर 5.2 प्रतिशत रह गई है। इन प्रमुख क्षेत्रों की वृद्धि दर फरवरी में 7.1 प्रतिशत थी।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक कोयला (8.7 प्रतिशत), कच्चा तेल (2 प्रतिशत), प्राकृतिक गैस (6.3 प्रतिशत) और स्टील (5.5 प्रतिशत) जैसे क्षेत्रों का उत्पादन मार्च में कम हुआ है।

दूसरी तरफ, रिफाइनरी उत्पादों (-0.3 प्रतिशत) और उर्वरक (-1.3 प्रतिशत) के उत्पादन में गिरावट आई है। वहीं दूसरी तरफ सीमेंट (10.6 प्रतिशत) और बिजली (8 प्रतिशत) का उत्पादन मार्च में बढ़ा है। एक साल पहले यानी मार्च 2023 में प्रमुख क्षेत्र की वृद्धि दर 4.2 प्रतिशत थी।

कुल मिलाकर पूरे वित्त वर्ष 2024 में प्रमुख क्षेत्र की वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रही है, जो वित्त वर्ष 2023 में 7.8 प्रतिशत थी। इसमें शामिल सभी 8 क्षेत्रों में वित्त वर्ष के दौरान धनात्मक वृद्धि रही है। वित्त वर्ष 2024 में स्टील (12.3 प्रतिशत) क्षेत्र सबसे तेज बढ़ा है। उसके बाद कोयला (11.7 प्रतिशत), सीमेंट (9.1 प्रतिशत) और बिजली (7 प्रतिशत) का स्थान है।

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में 8 प्रमुख उद्योगों की हिस्सेदारी 40.27 प्रतिशत है। इस तरह से इनका सूचकांक पर उल्लेखनीय असर होता है।
बैंक ऑफ बड़ौदा में मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि कोयला और सीमेंट बेहतर प्रदर्शन करने वाले रहे हैं, जिन पर सामान्य औद्योगिक गतिविधियों और सरकार द्वारा बुनियादी ढांचे पर जोर दिए जाने का असर पड़ा है।

उन्होंने कहा, ‘स्टील के मामले में वृद्धि बुनियादी ढांचा क्षेत्र से संचालित रही है। वहीं उर्वरक का उत्पादन कम हुआ है, क्योंकि यह बोआई वाला सीजन नहीं है और फसलों की शुरुआत में इसकी मांग कम रहती है। ऊर्जा बास्केट में कच्चा तेल, गैस और रिफाइनरी उत्पादों में अलग धारणा नजर आई। इसका मतलब यह है कि इस महीने में आईआईपी की वृद्धि मध्यम स्तर की करीब 5 से 6 प्रतिशत रह सकती है।’

इक्रा रेटिंग्स में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि बिजली उत्पादन में मार्च में मजबूत वृद्धि हुई है और अप्रैल में भी गति बनी हुई है और कृषि गतिविधियों में तेजी और गर्मी बढ़ने से परिवारों की मांग से इसे आगे और बल मिलेगा।

उन्होंने कहा, ‘ऐसी ही स्थिति प्रमुख क्षेत्र में भी नजर आ रही है। आईआईपी वृद्धि मार्च में कुछ कम रह सकती है क्योंकि लीप ईयर का असर नहीं रहेगा। हमारा अनुमान है कि मार्च 2024 में आईआईपी वृद्धि 3.5 से 5 प्रतिशत रह सकती है। ’

First Published - April 30, 2024 | 9:33 PM IST

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