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Dollar vs Rupee: रुपया और भी लुढ़का, 83.38 रुपये प्रति डॉलर तक गिरा

आज रुपये में ही नहीं दक्षिण कोरियाई वॉन, ताइवानी डॉलर और थाईलैंड की बाट सहित अधिकतर एशियाई मुद्राओं में गिरावट आई।

Last Updated- November 24, 2023 | 10:48 PM IST
डॉलर की मांग बढ़ने से रुपया नए निचले स्तर पर, Rupee vs Dollar: Rupee hits new low due to increase in demand for dollar

तेल कंपनियों से डॉलर की भारी मांग आने के कारण रुपया आज और भी गिर गया। हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक के दखल के कारण इसे कुछ सहारा मिला फिर भी यह डॉलर के मुकाबले 83.38 पर बंद हुआ, जो अब तक का इसका सबसे निचला स्तर है।

इससे पहले कल रुपया 83.34 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था जो उसका पिछला निचला स्तर था। आज रुपये में ही नहीं दक्षिण कोरियाई वॉन, ताइवानी डॉलर और थाईलैंड की बाट सहित अधिकतर एशियाई मुद्राओं में गिरावट आई।

फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के ट्रेजरी प्रमुख एवं कार्यकारी निदेशक अनिल भंसाली ने कहा, ‘पूरे हफ्ते आयातक डॉलर खरीदते रहे और रिजर्व बैंक बेचता रहा। इस वजह से रुपये 83.22 से 83.38 प्रति डॉलर के दायरे में घूमता रहा। आईपीओ के कारण भारी मात्रा में रकम आने से भी देसी मुद्रा की सेहत नहीं सुधरी क्योंकि उसका इस्तेमाल डॉलर खरीदने में कर लिया गया।’

आईएफए ग्लोबल के मुख्य कार्य अधिकारी अभिषेक गोयनका ने कहा, ‘रिजर्व बैंक ने रुपये को 83.30 पर रोकने का भरसक प्रयास किया फिर भी रुपया 83.37 प्रति डॉलर की नई गिरावट पर बंद हुआ। इसकी वजह विदेशी बैंकों के कस्टोडियन ग्राहकों की ओर से बढ़ी डॉलर की
मांग रही।’

अन्य एशियाई मुद्राओं में दक्षिण कोरियाई वॉन में 0.68 फीसदी, ताइवानी डॉलर में 0.49 फीसदी और थाई बाट में 0.45 फीसदी गिरावट आई।

मेहता इक्विटीज लिमिटेड के उपाध्यक्ष (कमोडिटी) राहुल कलंत्री ने कहा, ‘रुपये में गिरावट की मुख्य वजह आयातकों की ओर से डॉलर की मांग बढ़ना और अधिकतर एशियाई मुद्राओं में नरमी रहना थी। डॉलर सूचकांक भी अधिक समय तक निचले स्तर पर नहीं रह पाया, वापस उछला और रुपये में गिरावट बढ़ गई।’

फरवरी 2022 में यूरोप में युद्ध शुरू होने और दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दर बढ़ाए जाने के बाद पिछले साल 10 फीसदी से भी ज्यादा लुढ़कने वाले रुपये में इस साल महज 0.8 फीसदी गिरावट आई। इस महीने रुपया केवल 0.1 फीसदी लुढ़का।

गोयनका ने कहा, ‘डॉलर और रुपये की जुगलबंदी दुनिया की दूसरी मुद्राओं से अलग चल रही है। डॉलर में नरमी के समय भी रुपये में कमजोरी दिख सकती है क्योंकि उस समय रिजर्व बैंक अपने मुद्रा भंडार को वापस भरने और रुपये के अधिक मूल्यांकन को दुरुस्त करने की कोशिश करेगा।’

First Published - November 24, 2023 | 10:48 PM IST

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