facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

निर्यातकों का सरकार से अनुरोध- देनदारियों का भुगतान किस्तों में करने की हो सहूलियत

Last Updated- May 25, 2023 | 12:00 AM IST
MSME

निर्यातकों ने सरकार से अनुरोध किया है कि माफी योजना में शामिल छोटे कारोबारियों को पूरी देनदारियों का भुगतान 30 सितंबर तक करने के स्थान पर निश्चित समय में किस्तों में करने की अनुमति दें। इस माफी योजना का ध्येय अग्रिम प्राधिकरण और निर्यात संवर्धन पूंजीगत सामान (ईसीपीजी) निर्यात की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने से चूक गए कारोबारियों के लिए एक बार में निपटारा करना है।

अनुरोध के लिए मुख्य तौर पर यह तर्क दिया गया है कि लघु सूक्ष्म, छोटे और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) की इकाइयों के लिए ब्याज दरों में वृद्धि के कारण धन जुटाना बड़ी समस्या हो गई है। इसके अलावा एक बार में भुगतान करने से छोटे कारोबारों की कार्यशील पूंजी प्रभावित होगी और इससे उनके कारोबार पर असर पड़ेगा।

अभी बड़ी संख्या में एमएसएमई माफी योजना में शामिल होना चाहती हैं। उनके लिए 30 सितंबर तक माफी योजना के तहत पूरी देनदारियों का भुगतान चिंता का विषय बन गया है।

यदि सरकार उद्योग की मांग को स्वीकार कर लेती है तो छोटे कारोबारियों को 30 सितंबर से पूर्व पहली किस्त की अदायगी करनी होगी। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) का अनुरोध मंजूर कर लिया जाता है तो बाकी के भुगतान के लिए सरकार बाद में समय तय कर सकती है। निर्यातकों के इस शीर्ष निकाय ने डीजीएफटी से अनुरोध किया है कि इस मामले को वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के समक्ष उठाए।

इस योजना के तहत दो योजनाओं – अग्रिम प्राधिकरण और ईपीसीजी – की निर्यात प्रतिबद्धताओं को पूरा करने से चूक गए सभी कारोबारी सीमा शुल्क और 100 फीसदी ब्याज की अधिकतम अदायगी करने पर नियमित किए जा सकते हैं।

हालांकि इस योजना में जांच की परिधि में आए मामले या धोखाधड़ी, गलत घोषणा या पूंजीगत सामान का अवैध अन्यत्र इस्तेमाल के मामले शामिल नहीं होंगे। इसके अलावा सेनववैट क्रेडिट या रिफंड के मामले शामिल नहीं होंगे। गणना में त्रुटि होने की स्थिति में मामले की योग्यता के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

First Published - May 24, 2023 | 11:32 PM IST

संबंधित पोस्ट