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पहले गिफ्ट सिटी फिर एलएसई पर विचार

वर्तमान नियमों के तहत भारतीय फर्में विदेशी एक्सचेंजों पर सीधे सूचीबद्ध नहीं हो सकतीं। घरेलू कंपनियां डिपॉजिटरी रिसीट जैसे माध्यमों से विदेशी एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध हो सकती हैं

Last Updated- September 11, 2023 | 11:48 PM IST
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ब्रिटेन के वित्त मंत्री जेरेमी हंट ने आज कहा कि भारत देसी कंपनियों को सीधे लंदन स्टॉक एक्सचेंज (एलएसई) पर सूचीबद्ध कराने की संभावना तलाशेगा।

12वीं भारत-ब्रिटेन आर्थिक और वित्तीय वार्ता के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में हंट ने कहा, ‘भारत ने कहा है कि देसी कंपनियों को सीधे विदेश में सूचीबद्ध कराने के लिए वह लंदन स्टॉक एक्सचेंज पर विचार करेगा। इस दिशा में एक बड़ा कदम आगे बढ़ाकर हमें खुशी हो रही है।’

मगर सीतारमण ने अपने संबोधन में कहा, ‘मुझे लगता है कि हमने पहले भी बताया है कि हम इसे गिफ्ट सिटी में इंटरनैशनल फाइनैंशियल सर्विस सेंटर (आईएफएससी) से शुरू करने पर विचार कर रहे हैं। ऐसा होने के बाद हम आगे बढ़ने पर विचार कर सकते हैं। इसके तुरंत बाद भारत लंदन में कंपनियों को सूचीबद्ध कराने पर विचार करेगा।’

वर्तमान नियमों के तहत भारतीय फर्में विदेशी एक्सचेंजों पर सीधे सूचीबद्ध नहीं हो सकतीं। घरेलू कंपनियां डिपॉजिटरी रिसीट जैसे माध्यमों से विदेशी एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध हो सकती हैं।

जुलाई में सरकार ने कहा था कि वह कंपनियों को आईएफएससी में पंजीकृत एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध होने की अनुमति दे सकती है। आईएफएससी गुजरात इंटरनैशनल फाइनैंशियल टेक सिटी (गिफ्ट सिटी) में एक नया वित्तीय कर तटस्थ केंद्र है जो कंपनियों को सुगमता से विदेशी पूंजी हासिल करने की सुविधा प्रदान करता है।

ब्रिटेन भी अपने पेंशन और बीमा फंडों के नियमन ढांचे में बदलाव की संभावना तलाश रहा है। इस बारे में हंट ने कहा, ‘उनकी इच्छा उत्पादक परिसंपत्तियों में ज्यादा निवेश करने की है और हमारे पास इस्तेमाल के लिए पूंजी का विशाल भंडार है। ऐसा ब्रिटेन ही नहीं भारत में भी है और उस पर क्या करना है, इस बारे में हमारी अच्छी बातचीत हुई।’

हंट ने कहा कि लंदन में दुनिया का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय वित्तीय केंद्र है और यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा वित्तीय केंद्र है मगर इसके अधिकांश परिसंपत्ति प्रबंधक भारत में निवेश नहीं करते हैं।

हंट ने बताया, ‘भारत दुनिया के सबसे रोमांचक स्थानों में है, जहां निवेशक रकम लगाना चाहेंगे। यह इस साल सबसे तेजी से बढ़ने वाला जी20 देश बनने जा रहा है और इसके पास 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने की स्पष्ट कार्ययोजना है।’

दोनों देशों ने ब्रिटेन-भारत इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनैंसिंग ब्रिज शुरू किया है। सीतारमण ने कहा, ‘यह नीति आयोग और लंदन शहर के बीच सहयोगात्मक उद्यम है जिसका उद्देश्य प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की योजना बनाने और उसे लागू करने में सामूहिक विशेषज्ञता का उपयोग करना है।’ उन्होंने कहा कि ब्रिटेन गिफ्ट सिटी में अपना आधार और बढ़ाने का इच्छुक है।

दोनों पक्षों ने मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत के साथ ही द्विपक्षीय निवेश संधि के लिए वार्ता पर भी चर्चा की। सीतारमण ने कहा, ‘एफटीए के निवेश पहलुओं पर निश्चित रूप से कुछ चर्चा हुई है क्योंकि इसका निवेश का मामला वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आता है।’ उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष एफटीए पर बातचीत में तेजी लाने के इच्छुक हैं ताकि जल्दी से इस करार पर हस्ताक्षर हो सके।

First Published - September 11, 2023 | 11:48 PM IST

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