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वैश्विक फंड भारत पर दे रहे हैं ज्यादा ध्यान

बाजार में इस समय निवेश लायक 30 से ज्यादा ऐसी कंपनियां हैं जिनका बाजार पूंजीकरण 25 अरब डॉलर से ज्यादा है।

Last Updated- October 13, 2023 | 11:26 PM IST
The market succumbed to the selling by foreign investors, FPI has withdrawn Rs 21,272 crore so far in February विदेशी निवेशकों की बिकवाली के आगे बाजार ने टेके घुटने, FPI ने फरवरी में अब तक 21,272 करोड़ रुपये निकाले

जेफरीज में इक्विटी स्ट्रैटजी के वैश्विक प्रमुख क्रिस्टोफर वुड का मानना है कि वैश्विक फंड अब भारत पर ज्यादा ध्यान देने लगे हैं। बाजार में इस समय निवेश लायक 30 से ज्यादा ऐसी कंपनियां हैं जिनका बाजार पूंजीकरण 25 अरब डॉलर से ज्यादा है।

वुड का कहना है कि इस वजह से कई वैश्विक फंड अब भारत में प्रत्यक्ष रूप से निवेश करने के लिए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के तौर पर पंजीकरण के लिए आवेदन कर रहे हैं।

उन्होंने निवेशकों को भेजी अपनी साप्ताहिक रिपोर्ट ‘ग्रीड ऐंड फियर’ में सलाह दी है कि भारतीय शेयर बाजारों में कोई गिरावट संपत्ति, बैंक और औद्योगिक क्षेत्र जुड़े शेयरों में खरीदारी का मौका दे सकती है।

उनके इंडिया लॉन्ग-ओनली पोर्टफोलियो में इन तीन क्षेत्रों में 56 प्रतिशत आवंटन है। यह निवेश आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, ऐक्सिस बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, गोदरेज प्रॉपर्टीज, डीएलएफ, सेंचुरी टेक्सटाइल्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज और ओएनजीसी जैसे शेयरों में है।

वुड ने लिखा है, ‘उभरते बाजार के निवेशक खपत वृद्धि को लेकर आशान्वित हैं। उन्हें नए निजी क्षेत्र के पूंजीगत खर्च पर ज्यादा नजर रखनी चाहिए। भारतीय बाजार अल्पावधि गिरावट के जोखिम से जूझ रहा है, जिसे देखते हुए वे संपत्ति, बैंक और औद्योगिक शेयरों को गिरावट पर खरीद सकते हैं।’

भारतीय सूचकांक अपने ऊंचे स्तरों से बड़ी गिरावट के शिकार हुए हैं। सेंसेक्स और निफ्टी में अपने 52 सप्ताह के ऊंचे स्तर से 2.2 प्रतिशत और 2.1 प्रतिशत गिरावट आ चुकी है।

मजबूत संभावनाएं

वुड का मानना है कि भारत वर्ष 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) अब उस स्थान पर पहुंचने में कामयाब हो गया है, जहां चीन का जीडीपी 2007 में था।

First Published - October 13, 2023 | 10:22 PM IST

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