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एएमसी रीपो क्लियरिंग की बढ़ रही स्वीकार्यता

पहले 480 करोड़ रुपये का कारोबार करने के बाद एआरसीएल ने सिर्फ 15 सितंबर को 5 करोड़ रुपये का कारोबार देखा।

Last Updated- October 02, 2023 | 11:18 PM IST
Pradhan Mantri MUDRA Yojana

लगभग दो महीने तक बिना किसी बिक्री के दौर के बाद एएमसी रीपो क्लियरिंग (ARCL) में आखिरकार कुछ कारोबार होता दिखा। बीते 28 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी शुरुआत की थी। लिमिटेड परपस क्लियरिंग कॉरपोरेशन को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इसे और स्वीकृति मिलेगी और आगामी पखवाड़े में तीन बड़ी कंपनियों को शामिल करने की योजना है।

शुरुआत से ही प्लेटफॉर्म की प्रतिक्रिया धीमी है। कॉरपोरेट बॉन्ड रीपो मार्केट में तरलता को बढ़ावा देने के लिए इसकी शुरुआत की गई थी। पहले 480 करोड़ रुपये का कारोबार करने के बाद एआरसीएल ने सिर्फ 15 सितंबर को 5 करोड़ रुपये का कारोबार देखा। हालांकि, पिछले नौ सत्रों में प्लेटफॉर्म ने आठ कारोबार में 160 करोड़ रुपये देखे।

सूत्रों ने बताया कि यह कारोबार एक बड़े बैंक और कुछ म्युचुअल फंडों की भागीदारी के कारण आया है। एक अधिकारी ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कारोबार अगले सप्ताह से बढ़ेगा क्योंकि अधिक भागीदार जुड़ेंगे। हम 2-3 बड़ी कंपनियों के जल्द जुड़ने का इंतजार कर रहे हैं, जिससे इसे और गति मिलेगी। साथ ही म्युचुअल फंड भी हमें सहयोग कर रहे हैं।’

सूत्रों ने इशारा किया कि कुछ प्राथमिक डीलर भी प्लेटफॉर्म पर शामिल हो रहे हैं और अगले सप्ताह तक भाग लेना शुरू कर सकते हैं।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के मानदंडों के अनुसार, बड़े कॉरपोरेट्स को अपनी वृद्धिशील उधारी का 25 फीसदी ऋण बाजार के माध्यम से पूरा करना आवश्यक है।

हालांकि, नियामक ने हालिया बोर्ड बैठक में इस सीमा में किसी भी कमी पर बड़ी कंपनियों पर जुर्माने के मानदंडों और प्रावधानों में ढील दी है। इसके अलावा, इसने बड़े कॉरपोरेट्स की संख्या को कम कर दिया है जिन्हें मानदंडों का पालन करना होगा। हालांकि, इन परिवर्तनों को अभी तक अधिसूचित नहीं किया गया है।

First Published - October 2, 2023 | 10:48 PM IST

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