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मध्यस्थों पर बीमा कंपनियों की निर्भरता कम करेगा बीमा सुगम

भारतीय बीमा नियामक विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने 19 मार्च, 2024 को हुई बोर्ड की बैठक में बीमा सुगम को मंजूरी दे दी है।

Last Updated- March 24, 2024 | 11:30 PM IST
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इलेक्ट्रॉनिक इंश्योरेंस मार्केटप्लेस बीमा सुगम से बीमा कंपनियों की एजेंटों जैसे मध्यस्थों पर निर्भरता घटने की संभावना है। इससे डिजिटल माध्यम से सीधे बीमा पॉलिसियां ग्राहकों को बेची जा सकेंगी।

भारतीय बीमा नियामक विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने 19 मार्च, 2024 को हुई बोर्ड की बैठक में बीमा सुगम को मंजूरी दे दी है। बीमा सुगम आईआरडीएआई के बीमा त्रिमूर्ति- बीमा विस्तार, बीमा वाहक और बीमा सुगम का हिस्सा है। यह ऐसा प्लेटफॉर्म है, जहां जीवन, स्वास्थ्य और सामान्य बीमा कंपनियां अपनी विभिन्न बीमा पॉलिसियां बेच सकेंगी, जिनमें जीवन, स्वास्थ्य, मोटर, यात्रा, संपत्ति सहित अन्य पॉलिसियां शामिल हैं।

भारतश्योर के सह संस्थापक और सीईओ अनुज पारेख ने कहा, ‘प्रत्यक्ष डिजिटल लेन देन को बढ़ावा देने और ब्रोकरों और एजेंटों जैसे मध्यस्थों के न होने से बीमा कंपनियों को लाभ होगा। बीमा मध्यस्थ परामर्श पर आधारित बीमा पॉलिसियों का रुख कर सकते हैं, जिनमें व्यक्तिगत गारंटी की जरूरत होती है और उन्हें आसानी से ऑनलाइन नहीं खरीदा जा सकता है।’

आईआरडीएआई (IRDAI) की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2023 में जीवन बीमाकर्ताओं की पॉलिसी की बिक्री से व्यक्तिगत न्यू बिजनेस प्रीमियम (NBP) में ऑनलाइन बिक्री का हिस्सा 0.84 फीसदी रहा है। जीवन बीमाकर्ताओं के कारोबार में प्रत्यक्ष बिक्री की हिस्सेदारी व्यक्तिगत एनबीपी में 7.81 फीसदी और ग्रुप बिजनेस में 84.55 फीसदी थी।

वित्त वर्ष 2023 के कुल बिजनेस प्रीमियम में जनरल इंश्योरेंस के मामले में ऑनलाइन डायरेक्ट बिजनेस की प्रीमियम में हिस्सेदारी 1 फीसदी और पूरे डायरेक्ट चैनल में हिस्सेदारी 25 फीसदी थी। स्वास्थ्य बीमा के मामले में कुल नए कारोबार में सीधी बिक्री की हिस्सेदारी करीब 30 फीसदी थी।

डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ग्राहकों को सीधे या मध्यस्थों के माध्यम से पॉलिसी खरीदने का विकल्प होता है। श्रीराम जनरल इंश्योरेंस के चीफ अंडरराइटिंग ऑफिसर शशिकांत दहूजा के मुताबिक, ‘अगर ग्राहक मध्यस्थों की उपेक्षा करके प्लेटफॉर्म से सीधे पॉलिसी खरीदने का विकल्प चुनते हैं तो इससे उन्हें धन बचाने में मदद मिलती है। अगर मौजूदा एजेंट की सेवाएं संतोषजनक नहीं हैं तो ग्राहकों को इसमें एजेंट बदलने का भी विकल्प मिलता है।’

आईआरडीएआई के चेयरमैन देवाशीष पांडा ने बीमा सुगम को बीमा में यूपीआई जैसी चीज करार दिया, जहां ग्राहकों, बीमाकर्ताओं, मध्यस्थों और एजेंटों सहित सभी हिस्सेदारों को एक ही मंच पर सारी सुविधाएं मिल सकेंगी, जिससे पारदर्शिता और कुशलता को बढ़ावा मिलेगा और देश में बीमा की पहुंच बढ़ाने में मदद मिलेगी, साथ ही इससे ‘2047 तक सबसे लिए बीमा’ का लक्ष्य पूरा हो सकेगा।

इसके अलावा विशेषज्ञों का यह भी अनुमान है कि बीमा सुगम से खुदरा बीमा क्षेत्र में उल्लेखनीय बदलाव आएगा और ग्राहकों को कई विकल्पों में से अपने अनुकूल बीमा पॉलिसी चुनने की सहूलियत मिल सकेगी।

इंश्योरेंस ब्रोकर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईबीएआई) के अध्यक्ष सुमित बोहरा ने कहा, ‘ग्राहकों को सही पॉलिसी चुनने के लिए निश्चित रूप से सलाहकारों की जरूरत पड़ेगी क्योंकि स्वास्थ्य और जीवन बीमा जैसी पॉलिसियां लंबी अवधि की होती हैं और भविष्य का ध्यान रखते हुए सावधानीपूर्वक इनके चयन की जरूरत होगी।’

फ्यूचर जेनेराली इंडिया लाइफ इंश्योरेंस के डिप्टी सीईओ और सीएफओ आलोक रूंगटा ने कहा, ‘बीमा सुगम सिर्फ बीमा पॉलिसियां बेचने का प्लेटफॉर्म नहीं है, बल्कि सेवा प्रदान करने का भी प्लेटफॉर्म है। इसकी वजह से जीवन बीमा और गैर जीवन बीमा सेग्मेंट में बीमा प्रदाताओं के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होगी, क्योंकि ग्राहक सभी मानकों के मुताबिक पॉलिसियों की तुलना करेंगे। इसके अलावा सिर्फ बीमाकर्ता ही नहीं बल्कि मध्यस्थ, एजेंट और ग्राहक भी प्लेटफॉर्म पर होंगे, जिससे उच्च स्तर की पारदर्शिता और तालमेल को बढ़ावा मिलेगा।’

First Published - March 24, 2024 | 11:30 PM IST

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