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10 लाख से कम आईं नई नौकरियां

शुक्रवार को जारी हाल के पेरोल के आंकड़ों से पता चलता है कि नौकरियों के बाजार में दबाव की स्थिति है।

Last Updated- January 21, 2023 | 8:42 AM IST
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नवंबर में लगातार दूसरे मंहीने नई औपचारिक नौकरियों का सृजन 10 लाख से नीचे रहा। शुक्रवार को जारी हाल के पेरोल के आंकड़ों से पता चलता है कि नौकरियों के बाजार में दबाव की स्थिति है।

बहरहाल लगातार 3 महीने की गिरावट के बाद नए औपचारिक रोजगार सृजन में पिछले माह की तुलना में नवंबर में 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसे अक्टूबर के कम आधार से मदद मिली। कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) योजना में नए मासिक सदस्यों की संख्या नवंबर में बढ़कर 8,99,332 हो गई जो अक्टूबर में 7,68,643 थी।

मई 2021 के बाद से अक्टूबर 22 में सामाजिक सुरक्षा संगठन में सबसे कम मासिक पंजीकरण हुआ था, जब सिर्फ 6,49,618 सबस्क्राइबर जुड़े थे।

वित्त वर्ष 23 की शुरुआत में मासिक नए सदस्यों की संख्या लगातार 6 महीने (अप्रैल से सितंबर) तक 10 लाख से ऊपर बनी हुई थी और जुलाई में यह 11,59,350 पहुंच गई थी।

पेरोल की संख्या में शुद्ध बढ़ोतरी, जिसकी गणना नए सबस्क्राइबरों की संख्या में से योजना से बाहर निकले सबस्क्राइबरों और वापस आए सबस्क्राइबरों की गणना के आधार पर की जाती है, नवंबर में 45.9 प्रतिशत बढ़कर 16,25,711 हो गई, जो अक्टूबर में 11,14,250 थी।

बहरहाल शुद्ध मासिक पेरोल के आंकड़े अनंतिम प्रकृति के हैं और अक्सर इसमें तेज बदलाव हो जाता है, जब अगले आंकड़े आते हैं। यही वजह है कि नए ईपीएफ सबस्क्राइबरों के आंकड़ों पर ज्यादा भरोसा किया जाता है।

नवंबर में जुड़े नए सबस्क्राइबरों में 18 से 25 साल उम्र के 5,09,018 लोग हैं, अक्टूबर के 4,36,624 की तुलना में इनकी संख्या 16.5 प्रतिशत ज्यादा है। महत्त्वपूर्ण यह है कि 18 से 25 साल उम्र के सबस्क्राइबर सामान्यतया लेबर मार्केट में पहली बार उतरे होते हैं और इससे तेजी का पता चलता है।

टीमलीज सर्विसेज के सह संस्थापक ऋतुपर्णा चक्रवर्ती का कहना है कि नवंबर महीने में रोजगार में मामूली बढ़ोतरी फर्मों द्वारा मानव संसाधन को तार्किक बनाए जाने की वजह से है, साथ ही अक्टूबर महीने में त्योहारी मांग के कारण भी फर्मों ने संख्या बढ़ाई थी।

उन्होंने कहा, ‘आगे देखें तो फर्में पूरे साल तक बड़ी संख्या में कार्यबल बनाए हुए नहीं रख सकती हैं। अब अगले वित्त वर्ष में ही उनके मजदूरों की संख्या में बढ़ोतरी देखे जाने की संभावना है।’

अपनी तरफ से सर्वे कराने वाली सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक नवंबर में नौकरियों के मोर्चे पर भारत की स्थिति खराब बनी हुई है और बेरोजगारी दर (यूआर) नवंबर में बढ़कर 9.03 प्रतिशत हो गई, जो अक्टूबर में 7.8 प्रतिशत और सितंबर में 6.4 प्रतिशत थी। शहरी इलाकों में नौकरी न होने के कारण ऐसा हुआ है।

सीएमआईई ने एक बयान में कहा है, ‘नवंबर महीने में शहरी इलाकों में नौकरियां मांगने वालों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। शहरी बेरोजगारी अक्टूबर में 99 लाख से बढ़कर 127 लाख हो गई है, इसमें करीब 28 लाख की बढ़ोतरी हुई है। नवंबर में शहरी बेरोजगारी 9 प्रतिशत हो गई, जो अक्टूबर में 7.2 प्रतिशत थी।’

First Published - January 21, 2023 | 8:42 AM IST

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