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अतिरिक्त खर्च से बढ़ेगा घाटा!

बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू होने पर वित्त मंत्री  निर्मला सीतारमण ने संसद से वित्त वर्ष 2023 के लिए 2.7 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त सकल व्यय की मंजूरी मांगी

Last Updated- March 14, 2023 | 9:31 AM IST
Finance Ministry

वित्त मंत्रालय ने दूसरी और अंतिम पूरक अनुदान मांग के तहत चालू वित्त वर्ष में 1.48 लाख करोड़ रुपये से अधिक अतिरिक्त व्यय के लिए संसद से आज मंजूरी मांगी, जिससे राजकोषीय घाटे में मामूली इजाफा हो सकता है।

बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू होने पर वित्त मंत्री  निर्मला सीतारमण ने संसद से वित्त वर्ष 2023 के लिए 2.7 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त सकल व्यय की मंजूरी मांगी। मंत्रालय ने कहा कि शुद्ध नकद व्यय 1.48 लाख करोड़ रुपये होगा और बाकी रकम बचत या प्रा​प्तियों से खर्च की जाएगी।

पिछले साल दिसंबर में वित्त मंत्रालय को पूरक मांग की पहली किस्त के तौर पर 3.26 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त व्यय की मंजूरी मिली थी। अतिरिक्त व्यय की मांग मुख्य रूप से उर्वरक स​ब्सिडी, सैनिकों की पेंशन, यूएसओएफ तथा राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) मुआवजे के लिए की गई है।

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि शुद्ध नकद व्यय के एक हिस्से की भरपाई अन्य मदों से की गई बचत के जरिये की जाएगी, लेकिन राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2023 के संशो​धित अनुमान 17.6 लाख करोड़ रुपये से थोड़ा अ​धिक रह सकता है। राष्ट्रीय सां​ख्यिकी कार्यालय ने चालू वित्त वर्ष के लिए नॉमिनल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का अनुमान 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा घटाकर 272 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। राजकोषीय घाटा पहले ही जीडीपी के 6.4 फीसदी से थोड़ा ज्यादा रहने का अनुमान है। यदि आंतरिक बचत या अनुमान से अ​धिक राजस्व संग्रह नहीं हुआ तो अतिरिक्त व्यय के कारण राजकोषीय घाटा जीडीपी के 7 फीसदी तक पहुंच सकता है।

उर्वरक स​ब्सिडी के लिए 36,325 करोड़ रुपये की मांग की गई है। यह वित्त वर्ष 2023 के लिए उर्वरक स​ब्सिडी मद में आवंटित 2.1 लाख करोड़ रुपये से इतर है।

First Published - March 14, 2023 | 9:31 AM IST

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