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एमडीबी को प्राइवेट सेक्टर से साझेदारी करने के अपने रवैये में बदलाव करने की जरूरत

एमडीबी को निजी पूंजी बाजार से अंतर पाटने के लिए वित्तीय उत्पाद मुहैया कराने में तालमेल भी स्थापित करना चाहिए।

Last Updated- July 17, 2023 | 11:15 PM IST
भारतीय बैंकिंग क्षेत्र के बदलते आयाम, Banking Credit: Changing Dimensions of the Indian Banking Sector

बहुपक्षीय विकास बैंकों (MDB) को निजी क्षेत्र से साझेदारी करने के अपने रवैये में बदलाव करना चाहिए। इससे सरकार को नीति और नियामक जोखिम को कम करने में भी मदद मिलेगी।

एमडीबी को निजी पूंजी बाजार से अंतर पाटने के लिए वित्तीय उत्पाद मुहैया कराने में तालमेल भी स्थापित करना चाहिए। यह जानकारी एमडीबी को मजबूत करने के लिए जी20 (G20) के विशेषज्ञ समूह ने अपनी रिपोर्ट में दी।

इसमें एमडीबी से निजी क्षेत्र को धन मुहैया कराने के तौर तरीके के पारदर्शी तरीके अपनाने का अनुरोध किया गया है। रिपोर्ट में सुझाव दिया गया कि एमबीडी को अपने सतत विकास की रणनीतियों को हासिल करने के लिए निजी पूंजी को जुटाना चाहिए। उदाहरण के लिए मिश्रित वित्त तंत्र को मंजूरी देने के लिए सवालों को एक सेट तैयार हो। इससे परियोजना के सतत चिरस्थायी विकास के उद्देश्यों सहित अन्य की जानकारी मिल पाएगी।

रिपोर्ट में सुझाव दिया गया कि एमडीबी को निजी पूंजी जुटाने के दौरान चिरस्थायी विकास के उद्देश्यों को केंद्र में रखना चाहिए। इसमें सिफारिश की गई कि 2030 तक एमडीबी प्रणाली से सतत ऋण के स्तर को जोड़ दिया जाए। इससे विकासशील देशों को सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी।

विशेषज्ञ समूह की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जी 20 को हर तीन साल पर इस उधारी की समीक्षा करनी चाहिए। इससे उधारी की पर्याप्तता की जानकारी मिल सकेगी।

First Published - July 17, 2023 | 11:15 PM IST

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