facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

तेल ने रसोई को दिया सहारा मगर चीनी ने लोगों का बजट बिगाड़ा

खाद्य तेलों के दाम पिछले साल से 20 से 40 फीसदी तक कम, चीनी ने बिगाड़ा बजट, पिछले साल से 2 रुपये किलो महंगी चीनी

Last Updated- October 24, 2023 | 10:27 PM IST
Edible oil

त्योहारों पर महंगाई काबू में रहे तो बजट सही रहता है और खर्च करने को रकम भी ज्यादा रहती है। इस बार रसोई से तो इस मामले में राहत का संदेश आ रहा है। पिछले साल आग उगल रहे खाद्य तेल इस बार एकदम काबू में हैं और आटा तथा घी के दाम भी कमोबेश पिछले साल जितने ही हैं।

खाद्य तेल तो 20 से 40 फीसदी सस्ते बिक रहे हैं मगर चीनी ने मिठास देने के बजाय बजट बिगाड़ने की ठान ली है। चीनी के भाव इस बार 2 रुपये किलोग्राम तक ज्यादा चल रहे हैं।

तेल ने लगाया गोता

त्योहारी सीजन में इस साल उपभोक्ताओं को खाद्य तेलों की महंगाई से राहत मिल रही है। इन तेलों के दाम पिछले साल से काफी कम हैं।

अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने बताया कि इस साल लोगों की आर्थिक स्थिति अच्छी है और कोरोना महामारी का असर भी अब पूरी तरह समाप्त हो गया है। इसलिए लोग त्योहारों पर दिल खोलकर खर्च करने लगे हैं, जिससे इस साल त्योहारों पर खाद्य तेलों की मांग 15 से 20 फीसदी बढ़ सकती है।

पिछले साल की तुलना में इस साल खाद्य तेलों के भाव भी बहुत कम हैं। इस साल सरसों के तेल के थोक भाव 20 फीसदी, सोया तेल के 30 फीसदी, सूरजमुखी तेल के 40 फीसदी कम हैं। तमाम तरह के रिफाइंड तेलों में मिलाया जाने वाला पामोलीन ऑयल भी सस्ता बिक रहा है।

सेंट्रल ऑर्गनाइजेशन फॉर ऑयल इंडस्ट्री एंड ट्रेड के चेयरमैन सुरेश नागपाल कहते हैं कि खाद्य तेल सस्ते होने के कारण भी इस साल त्योहारों पर इनकी बिक्री ज्यादा रहने के आसार हैं। त्योहारों पर मांग बढ़ने का अंदाजा तो पहले से था। इसलिए इस साल इनका आयात भी बहुत किया गया है।

तेल वर्ष 2022-23 मे नवंबर से सितंबर के दौरान 154.68 लाख टन खाद्य तेलों का आयात हो चुका है, जो पिछली समान अवधि के 126.63 लाख टन तेलों से 22 फीसदी ज्यादा है। थोक भाव कम होने से खाद्य तेलों की खुदरा कीमतें में भी नरम हैं।

केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के विभाग के आंकड़ों के मुताबिक देश भर में सरसों के तेल की औसत खुदरा कीमत पिछले साल से करीब 31 रुपये, सोया तेल की करीब 25 रुपये, पामोलीन तेल की 15 रुपये किलो कम है।

दिल्ली के खारी बावली मंडी के घी कारोबारी मृदुल राजीव बत्रा ने बताया कि इस साल घी की कीमतें भी राहत ही दिला रही हैं। इसके थोक भाव 7,500 रुपये प्रति टिन (15 किलो) चल रहे हैं, जो पिछले साल के बराबर ही हैं। इस साल अभी तक घी की मांग में सुस्ती ही दिख रही है, जिसके कारण भी उसके भाव नहीं चढ़े हैं।

दीवाली तक भी घी की मांग में खास इजाफे की उम्मीद कम ही है। खारी बावली के मावा कारोबारी महेंद्र जैन कहते हैं कि मावे या खोये की असली मांग दीवाली के सप्ताह भर पहले ही उठनी शुरू होगी और दीवाली पर इसकी मांग बढ़ने की उम्मीद है।

इस समय मावे की थोक कीमत 360 रुपये किलो है, जिसमें दीवाली तक 10-15 रुपये किलो इजाफा हो सकता है। आटे के भाव इस समय पिछले साल के बराबर ही हैं।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल इन दिनों आटे की औसत खुदरा कीमत करीब 35.60 रुपये किलो थी। इस साल कीमत 35.89 रुपये किलो है।

मिठास बन रही फांस

इस साल त्योहारों पर चीनी रसोई का बजट बिगाड़ रही है। चीनी कारोबारी सुधीर भालोटिया ने बताया कि पिछले साल उत्पादन कम होने से चीनी का स्टॉक कम है, इसलिए कीमतों में तेजी है। अगले सीजन में भी चीनी का उत्पादन घटने का अनुमान है, जो इसका भाव बढ़ने की एक वजह है।

इस समय चीनी की एक्स फैक्टरी कीमत 3,850 से 3,950 रुपये प्रति क्विंटल है। ये भाव पिछले त्योहारों की तुलना में 150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल अधिक हैं।

भालोटिया ने कहा कि इस साल त्योहारों पर चीनी की मांग भी पिछले साल से अच्छी दिख रही है। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के विभाग के अनुसार देश भर के खुदरा बाजारों में चीनी की औसत कीमत 44.13 रुपये किलो है, जबकि पिछले साल 24 अक्टूबर को यह कीमत 42.44 रुपये किलो थी।

First Published - October 24, 2023 | 10:27 PM IST

संबंधित पोस्ट