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कर्मचारियों की संख्या में कमी, IT कंपनियों की सुस्ती का मांग पर पड़ेगा असर

देश की प्रमुख कंपनियों द्वारा कर्मचारियों की संख्या में कमी और औसत से कम वेतन वृद्धि के कारण देश की संपूर्ण उपभोक्ता मांग पर पड़ सकता है नकारात्मक असर

Last Updated- October 22, 2023 | 10:41 PM IST
Big deal started coming in IT companies of India, jobs will increase

सूचना प्रौद्योगिकी (IT) सेवा निर्यातकों, जिनमें टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), इन्फोसिस और एचसीएल टेक्नोलॉजिज भी शामिल हैं, द्वारा कर्मचारियों की संख्या में कमी और औसत से कम वेतन वृद्धि से भारत में संपूर्ण उपभोक्ता मांग पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।

कॉर्पोरेट क्षेत्र में आईटी क्षेत्र सबसे बड़ा नियोक्ता है। वित्त वर्ष 23 में इस क्षेत्र का सूचीबद्ध कंपनियों के वेतन और पारिश्रमिक व्यय में लगभग एक-तिहाई योगदान रहा है।

एक दशक पहले इसकी हिस्सेदारी 22 प्रतिशत थी। ऐतिहासिक रूप से आईटी क्षेत्र में कुल वेतन और अन्य लाभ की वृद्धि और अर्थव्यवस्था में निजी अंतिम उपभोग व्यय (पीएफसीई) की वृद्धि के बीच मजबूत रूप से सकारात्मक संबंध है।

मिसाल के तौर पर मौजूदा कीमतों पर पीएफसीई में पिछले साल के मुकाबले वृद्धि दर वित्त वर्ष 12 की 17.5 प्रतिशत के अधिक स्तर से घटकर वित्त वर्ष 18 में 10 प्रतिशत रह गई। इसी अवधि के दौरान आईटी कंपनियों के वेतन और अन्य लाभ में पिछले साल की तुलना में वृद्धि वित्त वर्ष 12 के 24.8 प्रतिशत से घटकर वित्त वर्ष 18 में 6.2 प्रतिशत रह गई।

इसी तरह निजी उपभोग में कोविड के बाद आई तेजी के साथ-साथ आईटी क्षेत्र में नियुक्तियों तथा वेतन और अन्य लाभ की वृद्धि में रिकॉर्ड वृद्धि हुई।

बिजनेस स्टैंडर्ड के नमूने में शामिल सूचीबद्ध 56 आईटी कंपनियों (जिसमें बीएसई 500, बीएसई मिडकैप, बीएसई स्मॉलकैप सूचकांकों की कंपनियां शामिल हैं) ने वित्त वर्ष 2023 में वेतन और पारिश्रमिक पर लगभग 4.27 लाख करोड़ रुपये खर्च किया, जो एक साल पहले के 3.6 लाख करोड़ से 18.4 प्रतिशत अधिक रहा।

इसकी तुलना में इस नमूने में शामिल 1,080 सूचीबद्ध कंपनियों (56 आईटी कंपनियों सहित) का संयुक्त वेतन और अन्य लाभ का व्यय वित्त वर्ष 23 में 14.8 प्रतिशत बढ़कर 13.4 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले 11.7 लाख करोड़ रुपये था।

पिछले 10 वर्षों के दौरान वेतन और पारिश्रमिक पर आईटी कंपनियों का खर्च 15.4 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक दर (सीएजीआर) से बढ़ा है, जो देश की शेष कंपनियों की वेतन वृद्धि की तुलना में बहुत तेज है।

इसकी तुलना में बिजनेस स्टैंडर्ड के नमूने में शामिल गैर-आईटी कंपनियों की संयुक्त वेतन और पारिश्रमिक वृद्धि पिछले दस वर्षों में 9.9 प्रतिशत की सीएजीआर के साथ बढ़ी है। परिणामस्वरूप आईटी क्षेत्र कॉर्पोरेट क्षेत्र में नौकरी और वेतन वृद्धि का सबसे बड़ा संचालक रहा है।

विश्लेषकों के अनुसार संपूर्ण आईटी क्षेत्र हजारों गैर-सूचीबद्ध कंपनियों के साथ काफी बड़ा है। सूचीबद्ध कंपनियों के वेतन और पारिश्रमिक में वृद्धि इस क्षेत्र में व्यापक मंदी का संकेतक है और इसका नौकरी बाजार, कर्मचारियों की आय तथा अर्थव्यवस्था की संपूर्ण उपभोक्ता मांग पर प्रभाव पड़ता है। बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा (बीएफएसआई) उद्योग भारतीय कंपनी जगत में मूल्य के लिहाज से दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता है।

बीएफएसआई क्षेत्र में सूचीबद्ध कंपनियों ने वित्त वर्ष 23 के दौरान वेतन और पारिश्रमिक पर लगभग तीन लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जो पिछले साल की तुलना में 15.3 प्रतिशत का इजाफ है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान सभी सूचीबद्ध कंपनियों के संयुक्त वेतन और पारिश्रमिक व्यय में इस क्षेत्र का योगदान 22.3 प्रतिशत रहा।

First Published - October 22, 2023 | 10:41 PM IST

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