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Tata Sons ब्रिटेन और गुजरात में लगाएगी दो बड़े बैटरी प्लांट, करेगी 1 अरब डॉलर का निवेश

विश्लेषकों ने कहा कि हालांकि टाटा समूह को इस परियोजना के लिए प्रौद्योगिकी साझेदारों की आवश्यकता होगी क्योंकि उसके पास बैटरी प्रौद्योगिकी का अनुभव नहीं है।

Last Updated- July 20, 2023 | 10:19 PM IST
Tata Sons becomes debt free for the first time in 18 years, paving the way for investment in new areas 18 साल में पहली बार Tata Sons बनी कर्ज मुक्त, नए क्षेत्रों में निवेश का रास्ता साफ

टाटा संस (Tata Sons) की सहायक कंपनी एग्राटास एनर्जी स्टोरेज सॉल्यूशंस ब्रिटेन और गुजरात में बैटरी के अपने दो बड़े कारखाने स्थापित करने के लिए पहले साल एक अरब डॉलर तक का निवेश करेगी। उद्योग के सूत्रों ने यह जानकारी दी है। दोनों सरकारों से छूट प्राप्त करने के अलावा एग्राटास लंदन के बैंकों और अपने प्रवर्तक – टाटा संस से पैसा जुटा सकती है।

पैसा जुटाने की कवायद के दौरान कंपनी की बिक्री का मुख्य बिंदु अपने प्रमुख ग्राहकों – जगुआर लैंड रोवर (JLR) और टाटा मोटर्स को की जाने वाली निश्चित बिक्री होगी।

टाटा संस, जिसे वित्त वर्ष 2023 में टाटा की सूचीबद्ध कंपनियों से 33,350 करोड़ रुपये का लाभांश प्राप्त हुआ है, परियोजना शुरू करने के लिए शुरुआती वर्षों में नकदी का उपयोग करेगी। इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा कि ब्रिटेन (5.16 अरब डॉलर) और गुजरात (1.6 अरब डॉलर) में इन दो परियोजनाओं में 6.7 अरब डॉलर का संपूर्ण निवेश अगले कुछ सालों के दौरान किया जाएगा।

कंपनी की योजना ब्रिटेन में 40 गीगावॉट प्रति घंटा और गुजरात में 20 गीगावॉट प्रति घंटा की क्षमता वाली इकाई स्थापित करने की है तथा दो साल में उत्पादन शुरू करने का लक्ष्य बनाकर चल रही है। विश्लेषकों का कहना है कि भारत में टाटा मोटर्स की लगभग 70 प्रतिशत जरूरत एग्राटास (agratas) से और बाकी जरूरत अन्य कंपनियों से पूरी की जाएगी।

टाटा समूह को इस परियोजना के लिए होगी प्रौद्योगिकी साझेदारों की आवश्यकता

टाटा संस ने पैसा जुटाने की योजना के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं की। हालांकि अधिकांश उत्पादन एग्राटास के प्रमुख ग्राहक जेएलआर और टाटा मोटर्स द्वारा लिया जाएगा, लेकिन यह सभी खंडों में अन्य ग्राहकों को आपूर्ति करने के विकल्प पर भी विचार कर रही है।

विश्लेषकों ने कहा कि हालांकि टाटा समूह को इस परियोजना के लिए प्रौद्योगिकी साझेदारों की आवश्यकता होगी क्योंकि उसके पास बैटरी प्रौद्योगिकी का अनुभव नहीं है।

उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिटेन में नियोजित निवेश, जो 12.5 करोड़ डॉलर प्रति गीगावॉट प्रति घंटा क्षमता के बराबर है, चीन के बैटरी संयंत्रों की तुलना में महंगा लगता है, जो लगभग पांच करोड़ डॉलर प्रति गीगावॉट प्रति घंटा की लागत पर निर्मित किए गए हैं।

ब्रिटेन की मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीनी समूह बीसीएटीएल हंगरी में 8.3 करोड़ डॉलर प्रति गीगावॉट प्रति घंटा की लागत से 100 गीगावॉट प्रति घंटा की क्षमता वाले संयंत्र की योजना बना रहा है।

स्थानीय विश्लेषकों ने कहा कि कंपनी ने टाटा मोटर्स और जेएलआर के लिए एकीकृत प्रिज्मैटिक सेल प्रारूप विकसित किया है, जिसका विस्तार अन्य खंडों में आसानी से किया जा सकता है। कंपनी का पूंजीगत व्यय क्षमता विस्तार और प्रौद्योगिकी परिवर्तनों के लिए सुरक्षित है।

First Published - July 20, 2023 | 10:19 PM IST

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