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सीधे वैश्विक सूचीबद्धता का मामला, सरकार को रहना होगा ज्यादा सक्रिय

उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सितंबर में कहा था कि भारतीय कंपनियों को ‘सीधे विदेशी सूचीबद्धता’ की अनुमति दी जाएगी।

Last Updated- November 05, 2023 | 11:04 PM IST
MCA enforces provision for foreign listing of public firms

विश्लेषकों का मानना है कि कुछ भारतीय कंपनियों को प्रत्यक्ष वैश्विक सूचीबद्धता की अनुमति के लिए सरकार को ज्यादा सक्रिय कदम उठाने पड़ेंगे। मौजूदा उपाय स्थानीय कंपनियों को विदेशी सूचीबद्धता के लिए ज्यादा प्रोत्साहित नहीं कर पाएंगे।

केंद्र सरकार ने सोमवार को विशेष सार्वजनिक कंपनियों द्वारा जारी कुछ खास प्रतिभूतियों को स्वीकृत विदेशी क्षेत्राधिकार के स्टॉक एक्सचेंज (मौजूदा समय में सिर्फ गिफ्ट सिटी का इंटरनैशनल फाइनैंशियल सर्विसेज सेंटर) पर सूचीबद्ध कराने की पहल की है और इसके लिए कंपनीज अमेंडमेंट ऐक्ट 2020 में संशोधन किया है।

उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सितंबर में कहा था कि भारतीय कंपनियों को ‘सीधे विदेशी सूचीबद्धता’ की अनुमति दी जाएगी।

उद्योग के कारोबारियों का कहना है कि सरकार को स्थानीय कंपनियों के लिए प्रत्यक्ष वैश्विक सूचीबद्धता का विकल्प खोलने के लिए स्थिति पूरी तरह साफ करनी होगी। इसके लिए उसे उन प्रतिभूतियों का खुलासा करना होगा, जिनकी वह अनुमति देना चाहती है। इसके लिए अमेरिका जैसे कई विदेशी

क्षेत्राधिकारों को भी अनुमति देने की जरूरत होगी, क्योंकि गिफ्ट सिटी आईएफएससी को अभी अपना निवेशक और तरलता आधार विकसित करना बाकी है।

इंडसलॉ में पार्टनर मनन लाहोटी कहते हैं, ‘इस समय भारतीय बाजारों पर सूचीबद्धता बेहतर साबित हो सकती है क्योंकि वास्तविक बाजार अच्छी मात्रा के साथ कारोबार कर रहा है। हालांकि कुछ क्षेत्र वैश्विक बाजारों में अच्छी हालत में हैं। इस बदलाव का मकसद आईएफएससी को वैश्विक बाजार के तौर पर विकसित करना है, लेकिन इसका भारतीय कंपनियों पर बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा।’

कुछ घरेलू कंपनियों ने डिपोजिटरी रिसीट जारी कर विदेशी होल्डिंग कंपनी का ढांचा तैयार कर वैश्विक बाजारों पर सूचीबद्धता का विकल्प अपनाया है। विश्लेषकों के अनुसार वे उपयुक्त विकल्प बने रहेंगे।

खेतान ऐंड कंपनी में पार्टनर अभिमन्यु भट्टाचार्य का कहना है, ‘एक अच्छा निवेशक आधार तैयार करने के लिए आईएफएससी को बड़े वैश्विक एक्सचेंजों के अनुरूप ढांचा पेश करना होगा। हालांकि व्यापक निवेशक आधार के लिए विशेष क्षमता वाली कंपनियों को आईएफएससी पर सूचीबद्ध कराने की जरूरत होगी।’

इस समय सिर्फ 19 विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को ही गिफ्ट सिटी आईएफएससी पर पंजीकृत किया गया है। विश्लेषकों का मानना है कि भारत के पहले आईएफएससी की प्रणाली निवेशकों और कंपनियों को आकर्षित करने के लिए और ज्यादा मजबूत बनेगी।

First Published - November 5, 2023 | 11:04 PM IST

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