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तिरुपुर के टिकाऊ फैशन को चमक

इस समय देश से सूती कपड़ों के निर्यात में तिरुपुर की कंपनियों की हिस्सेदारी 90 फीसदी और कुल कपड़ों के निर्यात में इसका हिस्सा 55 फीसदी है।

Last Updated- December 13, 2023 | 10:31 PM IST

भारत का सबसे बड़ा कपड़ा औद्योगिक क्लस्टर तिरुपुर रिसाइकल्ड फैब्रिक और पॉलिएथिलीन टेरेफ्थालेट (पीईटी) बोतलों का उपयोग करके परिधान निर्माण में धीरे धीरे टिकाऊ फैशन का अग्रदूत बन रहा है। यूरोप की दिग्गज कंपनियों जैसे प्रीमार्क, मार्क्स ऐंड स्पेंसर, टेस्को और फ्रांस की स्पोर्ट्स उत्पाद विक्रेता डिकैथलॉन ने पहले ही इस क्षेत्र टिकाऊ फैशन सामग्रियों से बने परिधान में रुचि दिखाई है।

वर्ष 2022-23 में इस क्षेत्र से 34,350 करोड़ रुपये मूल्य के उत्पादों का निर्यात किया गया था और घरेलू कारोबार करीब 28,000 करोड़ रुपये का था, जिससे कुल मिलाकर कारोबार 62,350 करोड़ रुपये रहा। योजना के मुताबिक तिरुपुर की कंपनियां अगले कुछ साल में 30 फीसदी कारोबार रिसाइकल स्रोतों से बने परिधान से करने का लक्ष्य रख रही हैं।

तिरुपुर एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (टीईए) के मुताबिक ब्रिटेन की कंपनी प्रीमार्क के अधिकारियों के एक दल ने हाल में शहर का दौरा किया और कंपनी द्वारा पालन किए जाने वाले मानकों की जांच की। टीईए के अध्यक्ष केएम सुब्रमण्यन ने कहा, ‘उन्होंने टिकाऊ और रिसाइकल्ड उत्पादों में निवेश किया है।

रिसाइकल्ड उत्पादों में वे कॉटन के साथ पॉलिएस्टर मिलाने, पीईटी बोतल की रिसाइक्लिंग और रिसाइकल्ड फैब्रिक्स पर विचार कर रहे हैं। इस तरह के उत्पाद में सभी खरीदार रुचि दिखा रहे हैं और प्रीमार्क की भी विशेष दिलचस्पी है। अन्य खरीदारों में मार्क्स ऐंड स्पेंसर, टेस्को और फ्रांस की स्पोर्ट्स के सामान की खुदरा रिटेलर डिकेथलॉन शामिल हैं।’ ये कंपनियां टिकाऊ फैशन उत्पादों को अलग टैग के साथ बेच रही हैं और बता रही हैं कि उत्पाद रिसाइकल्ड कॉटन से बने हैं।

सुब्रमण्यन ने कहा, ‘रिसाइकल्ड उत्पाद हाल में शुरू हुए हैं। अभी तक इसका कारोबार 1,000 करोड़ रुपये का था मगर अब ज्यादा कंपनियां फैब्रिक रिसाइक्लिंग पर विचार कर रही हैं, जिससे कारोबार में इजाफा होने की उम्मीद है।’

इस समय देश से सूती कपड़ों के निर्यात में तिरुपुर की कंपनियों की हिस्सेदारी 90 फीसदी और कुल कपड़ों के निर्यात में इसका हिस्सा 55 फीसदी है।

दिल्ली की टेक्सटाइल उत्पादक टीटी लिमिटेड के संजय कुमार जैन ने कहा, ‘यूरोप की कंपनियों के लिए कुछ टिकाऊ मानक पूरे करने होंगे। इसमें समग्र दृष्टिकोण शामिल है, जिसमें पानी, कचरा और ऊर्जा का टिकाऊ प्रबंधन शामिल है। वे रिसाइकल्ड प्लास्टिक और रीसाइकल्ड कपड़ों सहित अन्य चीजों पर ध्यान दे रहे हैं। बहरहाल, उनके लिए सभी मानकों में टिकाऊ लक्ष्यों की जरूरत सबसे ऊपर है।’

करूर के श्री रंगा पॉलिमर का ब्रांड ईकोलाइन क्लोदिंग (ईकोलाइन) उस समय राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कार्यक्रम में उस ब्रांड का परिधान पहना। इस साल की शुरुआत में कंपनी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा कि ईकोलाइन अपनी क्षमता दोगुना करने तैयारी कर रही है और वह 15 लाख पीईटी बोतल की रिसाइक्लिंग की क्षमता बढ़ाकर 45 लाख बोतल प्रतिदिन करेगी।

श्रीरंगा पॉलिमर्स अगले पांच साल में 250 करोड़ रुपये निवेश कर सकती है, जिसमें 100 करोड़ रुपये विस्तार पर खर्च किए जाएंगे। शेष 150 करोड़ रुपये मार्केटिंग पर खर्च होंगे। एक अन्य कंपनी सुदर्शना मिल्स है, जिसने सफलता हासिल की है।

First Published - December 13, 2023 | 10:22 PM IST

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