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EV की राह में संकट! मैग्नेट की किल्लत से ऑटो सेक्टर पर मंडराया खतरा

दुर्लभ मैग्नेट की कमी और चीन के निर्यात प्रतिबंधों के चलते इलेक्ट्रिक वाहनों की आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हो रही है, जिससे वाहन उद्योग की वृद्धि पर संकट मंडरा रहा है।

Last Updated- June 10, 2025 | 10:40 PM IST
electric vehicles
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

देश के वाहन उद्योग को दुर्लभ खनिज मैग्नेट की किल्लत के कारण संभावित मंदी का सामना करना पड़ रहा है। यह इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) और हाइब्रिड वाहनों के लिए महत्त्वपूर्ण घटक होता है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल का कहना है कि चीन की ओर से हाल में लगाए गए निर्यात प्रतिबंधों और खेप में लंबी देरी से आपूर्ति श्रृंखला बाधित हो रही है और इसका असर उत्पादन और सेक्टर के वृद्धि पथ पर पड़ सकता है।

क्रिसिल रेटिंग्स की रिपोर्ट के अनुसार दुर्लभ खनिज मैग्नेट ईवी में इस्तेमाल स्थायी मैग्नेट सिंक्रोनस मोटर्स (पीएमएसएम) का अभिन्न हिस्सा होते हैं। अधिक टॉर्क, ऊर्जा दक्षता और कॉम्पैक्ट डिजाइन के लिए उन्हें काफी महत्त्व दिया जाता है। हाइब्रिड वाहन भी बेहतर संचालक शक्ति के लिए इन चुंबक पर निर्भर रहते हैं। गैस-तेल इंजन वाले वाहनों में उनका उपयोग मुख्य रूप से इलेक्ट्रिक पावर स्टीयरिंग और अन्य मोटर चालित प्रणालियों तक सीमित है।

क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक अनुज सेठी ने कहा, ‘आपूर्ति में यह कमी वाहन क्षेत्र की ईवी पेश करने की जोरदार तैयारियों के बीच आई है। एक दर्जन से अधिक नए इलेक्ट्रिक मॉडल पेश होने वाले हैं, मुख्य रूप से पीएमएसएम प्लेटफॉर्म पर।’ उन्होंने कहा, ‘हालांकि अधिकांश वाहन विनिर्माताओं के पास इस समय 4 से 6 सप्ताह का स्टॉक है, लेकिन लगातार देरी की वजह से वाहन उत्पादन प्रभावित हो सकता है। और संभव है कि ईवी के मॉडल जुलाई 2025 के बाद टाल दिए जाएं या आगे फिर कभी किए जाएं। अगर आपूर्ति में अड़चन लंबे समय तक रही तो दोपहिया और गैस-तेल इंजन वाले यात्री वाहनों पर भी इसका व्यापक असर पड़ सकता है।’

 

First Published - June 10, 2025 | 10:00 PM IST

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